नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने विदेशों में नौकरी देने संबंधी लुभावनी पेशकश करने वाली कंपनियों से भारतीय नागरिकों को सचेत रहने एवं पूरी जांच परखने करने का सुझाव दोहराते हुए शुक्रवार को कहा कि म्यामांर, कंबोडिया, लाओस में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयास जारी हैं . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागवी (Arindam Bagchi) ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा कि जहां तक म्यांमा में फंसे भारतीय नागरिकों का सवाल है, हम इस मामले को देख रहे हैं जिनमें फर्जी पेशकश की गई है.
उन्होंने कहा कि अब तक करीब 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ सुरक्षित निकाले गए लोग लौट आए हैं जबकि कुछ लोग अवैध प्रवेश के मामले में वहां की पुलिस की हिरासत में हैं. खबरों में म्यामांर में 300 लोगों के फंसे होने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि कुछ लोग वहां फंसे हैं लेकिन यह संख्या निश्चित तौर पर 300 नहीं है. इन लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं .
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि लाओस और कंबोडिया से अब तब 80 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. उन्होंने कहा कि हमने पिछले महीने परामर्श भी जारी किया है जिसमें ऐसी लुभावनी पेशकश करने वाली कंपनियों से सचेत रहने को कहा गया था. बागची ने दोहराया कि विदेशों में नौकरी देने संबंधी लुभावनी पेशकश करने वाली कंपनियों से बेहद सचेत रहें क्योंकि अगर आप वहां फंस गए तब बाहर निकालने में कठिनाई आती है.
गौरतलब है कि इससे पहले बागची ने कहा था कि दक्षिण पूर्वी म्यामांर के म्यावाड्डी क्षेत्र में बंधक बनाये गए भारतीयों के विषय से मंत्रालय अवगत हैं. थाईलैंड में आईटी कंपनियां रोजगार के लिये भारतीय श्रमिकों की भर्ती करती हैं जिन्हें म्यांमा ले जाया जाता है. इनमें से कुछ के अवैध रूप से जाने की भी खबरें आती हैं. इस विषय में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने म्यांमा में 'अवैध रूप से बंधक' बनाए गए भारतीयों को बचाने एवं वापस लाने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि राज्य सरकार को करीब 50 तमिलों सहित करीब 300 भारतीयों के म्यांमा में फंसे होने की सूचना मिली है, जो बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
पाकिस्तान में पिछले नौ महीने में छह भारतीय कैदियों की मौत-इसी क्रम में उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीने में पाकिस्तान में छह भारतीय कैदियों की मौत हुई है और इस विषय को इस्लामाबाद के समक्ष उठाया गया है. यह समस्या जारी है जो पाकिस्तान में भारतीय कैदियों की मौत के बढ़ते मामलों से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीने में छह भारतीय कैदियों की पाकिस्तान में मौत हुई है जिसमें से पांच मछुआरे हैं. बागची ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है क्योंकि इन सभी ने अपनी सजा पूरी कर ली थी और इन्हें अवैध तरीके से रखा गया था. उन्होंने कहा कि हमने इस विषय को पड़ोसी देश के समक्ष उठाया है . इस विषय को पाकिस्तान में हमारे उच्चायोग ने भी उठाया है.