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राज्यसभा में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, भारत चाबहार पोर्ट के बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति प्रतिबद्ध

केंद्र ने कहा, "शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल, चाबहार पोर्ट के बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, भारत ने 06 मोबाइल हबर क्रेन (दो 140 टन और चार 100 टन क्षमता) और 25 मिलियन अमरीकी डालर के अन्य उपकरणों की आपूर्ति की है." यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी.

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Published : Jul 28, 2022, 6:58 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद के ऊपरी सदन में कहा कि भारत ने शहीद बेहेश्ती टर्मिनल, चाबहार पोर्ट के विकास के लिए 85 मिलियन अमरीकी डालर की कुल अनुदान सहायता और 150 मिलियन अमरीकी डालर की ऋण सुविधा की प्रतिबद्धता जताई है. केंद्र ने कहा, "शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल, चाबहार पोर्ट के बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, भारत ने 06 मोबाइल हबर क्रेन (दो 140 टन और चार 100 टन क्षमता) और 25 मिलियन अमरीकी डालर के अन्य उपकरणों की आपूर्ति की है." यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी.

सांसद विवेक तन्खा ने मौद्रिक और गैर-मौद्रिक लाभों के बारे में राज्य मंत्री से पूछा, जो सरकार परियोजना से प्राप्त करने की योजना बना रही है. इस सवाल के जवाब में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री जोन (IPGCFZ) के माध्यम से 24 दिसम्बर 2018 से चाबहार पोर्ट का संचालन अपने हाथ में ले लिया है. तब से, इसने 215 जहाजों, 16,000 टीईयू (बीस फुट समकक्ष इकाइयों) और 4 मिलियन टन बल्क और सामान्य कार्गो को संभाला है.

केंद्र ने कहा कि अब तक कुल 25 लाख टन गेहूं और दो हजार टन दालें चाबहार पोर्ट के जरिए भारत से अफगानिस्तान भेजी जा चुकी हैं. पोर्ट ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान मानवीय सहायता की आपूर्ति की सुविधा प्रदान की है. भारत ने 2020 में अफगानिस्तान को मानवीय खाद्य सहायता के रूप में 75,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल किया है. उन्होंने यह भी कहा कि 2021 में, भारत ने टिड्डियों के खतरे से लड़ने के लिए ईरान को 40,000 लीटर पर्यावरण के अनुकूल कीटनाशक की आपूर्ति की. बंदरगाह का उपयोग मध्य एशियाई देशों द्वारा वैश्विक बाजार तक पहुंचने के लिए भी किया गया है. इस क्षेत्र के व्यापारियों के लिए व्यापार और आर्थिक अवसरों में वृद्धि हुई है.

ईरानी विदेश मंत्री की हाल की भारत यात्रा के बारे में एक अन्य सवाल के जवाब में राज्य मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्री के निमंत्रण पर, 08 से 10 जून 2022 तक इस्लामिक गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री, डॉ होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहे. यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. अमीर अब्दुल्लाहियन ने प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की और विदेश मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान, दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की, जिसमें राजनीतिक, सांस्कृतिक और जनता से संबंध शामिल थे. क्षेत्रीय संपर्क के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को देखते हुए, दोनों पक्षों ने चाबाहर पोर्ट स्थित शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल में हुई प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान मंत्रियों ने पारस्परिक हित के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की. ईरानी विदेश मंत्री ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) से संबंधित मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्री को जानकारी दी. भारत ने पुष्टि की कि JCPOA से संबंधित सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि चाबहार पोर्ट ने अफगानिस्तान और मध्य एशियाई राज्यों सहित क्षेत्र के भूमि से घिरे देशों को बहुत आवश्यक समुद्री पहुंच प्रदान की है. अशरफ गनी सरकार के पतन और उसके बाद तालिबान 2.0 के उदय के बाद से, सामरिक आशंकाएं थीं कि तालिबान का उदय चाबहार पोर्ट के लिए विपरीत परिस्थितियां पैदा करेगा. लेकिन जैसे-जैसे भू-राजनीतिक स्थितियां उलट-पुलट होती जाती हैं. चाबहार बंदरगाह और अन्य प्रमुख मुद्दों पर नई दिल्ली और तेहरान के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई है.

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