नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14 से 16 नवंबर तक इंडोनेशिया के बाली की यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के आमंत्रण पर जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अन्य देशों के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. प्रवक्ता ने बताया कि जी20 बैठक में तीन कार्यकारी सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल लेनदेन शामिल हैं. बागची ने कहा कि बैठक के समापन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी जी20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेंगे. भारत एक दिसंबर से इस समूह की अध्यक्षता करेगा.
कुछ ही दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है और यह आयोजन हमारे लिए 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व है. उन्होंने कहा था कि भारत में जी20 शिखर सम्मेलन सिर्फ एक कूटनीतिक बैठक नहीं होगी बल्कि देश इसे एक 'नयी जिम्मेदारी' के तौर पर देखता है. उन्होंने कहा था, 'भारत इसे अपने प्रति दुनिया के विश्वास के रूप में देखता है. आज विश्व में भारत को जानने की, भारत को समझने की एक अभूतपूर्व जिज्ञासा है. आज भारत का नए आलोक में अध्ययन किया जा रहा है.'
प्रधानमंत्री ने जी20 के लोगो, विषयवस्तु और वेबसाइट का लोकार्पण भी किया था. जी-20 का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों से प्रेरित है- केसरिया, सफेद, हरा, और नीला. इसमें कमल का फूल भी शामिल है. भारत की जी-20 की अध्यक्षता की विषयवस्तु - 'वसुधैव कुटुम्बकम' या 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य'- महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से ली गयी है. यह विषय जीवन के सभी मूल्यों - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव- और धरती पर और व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंध की पुष्टि करती है.