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'काला दिवस' मनाने पर अड़े प्रदर्शनकारी किसान, दिल्ली पुलिस ने दी चेतावनी

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Published : May 26, 2021, 8:06 AM IST

Updated : May 26, 2021, 3:17 PM IST

किसान आंदोलन
किसान आंदोलन

12:34 May 26

सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम

किसानों के काला दिवस को ध्यान में रखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली की तरफ से दिल्ली पुलिस द्वारा कई लेयर में बैरिकेडिंग की गई है और दिल्ली पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों की भी तैनाती की गई है. गाजीपुर बॉर्डर के आसपास गाजियाबाद पुलिस द्वारा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसका नेतृत्व इंदिरापुरम सर्कल की ऑफिसर अंशु जैन कर रही है.

12:33 May 26

सरकार बात करे या न करे जारी रहेगा आंदोलन : राकेश टिकैत

ईटीवी भारत से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि प्रदर्शन को 6 महीने हो चुके हैं और आने वाले दिनों में भी प्रदर्शन जारी रहेगा. कोरोना के कारण बॉर्डर पर किसानों की संख्या थोड़ी कम हुई है, लेकिन कोरोना के खत्म होते ही दोबारा से किसान बॉर्डर पर आने लगेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार वार्ता के लिए कह तो रही है, लेकिन वार्ता किससे करनी है यह नहीं पता. सरकार बात करे या न करे, लेकिन हमारा प्रदर्शन इसी प्रकार से चलता रहेगा.

12:07 May 26

किसानों ने मोदी सरकार का फूंका पुतला, बैरिकेडिंग पर लहराया काला झंडा

दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को आज 6 महीने पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर किसानों ने आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं, जिन्होंने आज के लिए खास काली पगड़ी बांध रखी है. इस मौके पर किसानों ने मोदी सरकार का पुतला भी फूंका गया, जिसे बुझाने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई.

मोदी सरकार का जलाया पुतला

दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग पर काले झंडे लगाने के दौरान किसानों ने मोदी सरकार के पुतले में अचानक से आग लगा दी, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद गाजियाबाद पुलिस ने पुतले में लगी आग को बुझाने की कोशिश की, जिसके बाद किसानों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी देखने को मिली.

10:32 May 26

किसान नेता राकेश टिकैत ने भी काली पगड़ी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया

वीडियो

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर दिल्ली के तीनों बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा आज काला दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा अपने घरों के बाहर काले झंडे लगाए जा रहे हैं और केंद्र सरकार का विरोध किया जा रहा है.

गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों ने काला दिवस मनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं और इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी काली पगड़ी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

काली पगड़ी बांध जताया विरोध

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो चुके हैं और किसानों द्वारा आज तीन कृषि कानून के विरोध में काला दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी काली पगड़ी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

भारतीय किसान यूनियन की तरफ से सभी जिला अध्यक्षों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने घरों के बाहर काले झंडे लगाएं और नजदीकी प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. मुख्य कार्यक्रम का आयोजन गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर होगा जहां किसान काले झंडे लहराकर केंद्र के समक्ष अपना विरोध दर्ज करेंगे.

09:32 May 26

काला दिवस

कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बॉर्डर पर काले झंडे लगाकर आज काला दिवस मना रहे हैं

09:26 May 26

हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं : राकेश टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर से राकेश टिकैत ने कहा आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं. ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा. हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. बाहर से कोई किसान यहां नहीं आएंगे.

08:59 May 26

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दिल्‍ली, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश सरकार को नोटिस

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंधों में की गई कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.  

08:20 May 26

सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के आज देशव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है

07:58 May 26

किसान आज मनाएंगे काला दिवस, टिकैत बोले- दिन में दिखाई देगा सब काला

दिन में दिखाई देगा सब काला

सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसानों ने कड़कड़ाती ठंड में सर्द रातें बॉर्डर पर गुजारीं और अब तपतपाती गर्मी के मौसम में भी किसान आंदोलन में डटे हुए हैं.किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून नहीं बनाती है, तब तक दिल्ली की सीमाओं से गांवों को किसानों की वापसी नहीं होगी.
 

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर देशभर में किसान विरोध प्रदर्शन कर बुधवार को काला दिवस मनाएंगे. जिसके तहत किसान अपने मकानों और वाहनों पर काले झंडे लगाएंगे. किसान गांव में चौराहे और प्रमुख स्थानों पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग करते हुए केंद्र सरकार का पुतला दहन करेंगे.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन ने देश भर के किसान को एकजुट किया है. पहले देश का किसान बिखरा पड़ा हुआ था. किसान के एकजुट होने से किसान की ताकत बढ़ी है और बीते 6 महीने से किसानों ने देश की राजधानी को घेर रखा है. किसान आंदोलन कामयाबी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. एक दिन केंद्र सरकार को किसानों की बात सुननी पड़ेगी.

टिकैत ने कहा कि बीते 6 महीने से किसान आंदोलन मजबूती के साथ खड़ा हुआ है. किसान घर और खेत पर भी मौजूद हैं. साथ ही आंदोलन पर भी नजर बनाया हुआ है. दिल्ली कूच करने के लिए तमाम गांवों में किसान ट्रैक्टरों में डीजल डाल कर तैयार खड़ा हुआ है. जब भी आह्वान किया जाएगा कुछ ही घंटों में किसान बॉर्डर पर नजर आएंगे.टिकैत ने कहा किसान आंदोलन में तमाम राज्यों के किसानों ने अहम भूमिका निभाई है. विभिन्न प्रदेशों से किसान नौजवान मजदूर दिल्ली की सीमाओं पर आए और आंदोलन में शामिल हुए. केवल किसान ही नहीं बल्कि मजदूर, नौजवान और आम जनता भी आज किसान आंदोलन के साथ खड़ी हुई है.

07:46 May 26

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे

नई दिल्ली : किसान संगठनों ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर 26 मई यानी की आज ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान किया है. किसान पिछले साल नंवबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. चालीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वार्ता की बहाली की अपील की थी.

12 प्रमुख विपक्षी दलों का समर्थन

वहीं, देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौके पर 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है. बयान पर सोनिया गांधी (कांग्रेस), एच डी देवेगौड़ा (जद-एस), शरद पवार (राकांपा), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एम के स्टालिन (द्रमुक), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), डी राजा (भाकपा) और सीताराम येचुरी (माकपा) ने हस्ताक्षर किये हैं.

नवजोत सिद्धू ने प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में अपने घर पर काला झंडा लगाया. 

कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में मंगलवार को पटियाला में अपने घर पर काला झंडा लगाया. सिद्धू ने ट्वीट किया, विरोध में काला झंडा लगाया। हर पंजाबी को किसानों का समर्थन करना चाहिए. आप ने किसान संगठनों के 26 मई को काला दिवस मनाने के फैसले का समर्थन किया पंजाब के मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 26 मई को काला दिवस’ मनाने के फैसले के समर्थन का एलान किया.

दिल्ली पुलिस ने दी चेतावनी

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर किसान यूनियनों द्वारा बुधवार को काला दिवस मनाये जाने की घोषणा के बीच दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोविड स्थिति और लॉकडाउन के कारण सभाएं नहीं करने का आग्रह किया. दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान सभाएं करने के खिलाफ चेतावनी दी है. पुलिस ने कहा कि शहर की सीमाओं पर आंदोलन स्थलों पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि कानून अपने हाथों में लेने का प्रयास करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं पर बल पहले से ही मौजूद है और किसी भी गैर कानूनी गतिविधि या प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी.  संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ मनायेंगे.

काला दिवस

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था. संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को लोगों से कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने और अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया. पुलिस ने लोगों से राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस स्थिति के कारण अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने का अनुरोध किया. बिस्वाल ने कहा, पिछले एक महीने से अधिक समय में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के कारण गंभीर स्थिति देखने को मिली है जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाये है. उन्होंने कहा, लोगों की मदद से दिल्ली में लॉकडाउन का सफलतापूर्ण ढंग से पालन किया गया और इस कारण राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति अब धीरे-धीरे बेहतर हो रही है.

कोविड सुरक्षा नियमों का पालन

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार यह किसान आंदोलन सत्य और अहिंसा पर चल रहा है और बुधवार को अपने ऐतिहासिक संघर्ष के छह महीने पूरे करेगा. बयान में कहा गया है, संयुक्त किसान मोर्चा सभी भारतीयों से कल बुद्ध पूर्णिमा मनाने का अनुरोध करता है, ताकि सत्य और अहिंसा को हमारे समुदाय में एक मजबूत स्थान मिल सके, ऐसे समय में जब हमारे समाज में इन बुनियादी मूल्यों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कोविड सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने संबंधी आरोपों को लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी किया है. आयोग ने इन सरकारों से कहा है कि प्रदर्शन स्थलों पर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संदर्भ में वे चार सप्ताह के भीतर कार्यवाही रिपोर्ट दें. मंगलवार को जारी एक बयान में आयोग ने कहा कि भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और ऐसे में ये प्रदर्शनकारी न सिर्फ अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में दूसरों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं क्योंकि वे वायरस के संभावित वाहक हो सकते हैं.

300 से ज्यादा किसानों की मौत

आयोग ने कहा, शिकायकर्ता ने कहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा किसानों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है. इनमें कोरोना संक्रमण भी एक कारण है. ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को सभी नागरिकों से अपने घरों, वाहनों और अन्य स्थानों से काला झंडा लहराकर ‘काला दिवस’ मनाने की अपील की. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को इस दिन काली पगड़ी और काली चुन्नी पहननी चाहिए. एक किसान नेता कुलवंत सिंह ने कहा कि वे हर सीमा पर काले झंडे लगाएंगे.गौरतलब है कि दिल्ली के निकट टीकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले छह महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की है.

Last Updated : May 26, 2021, 3:17 PM IST

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