हैदराबाद : कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. यह बहुत ही चिंता का विषय है. नागपुर में लॉकडाउन लगाया जा चुका है. इंदौर, भोपाल, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और वडोदरा जैसे शहरों में रात का कर्फ्यू जारी है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इस बार कोरोना के फैलने की तीव्रता कितनी अधिक है. एक दिन पहले ही कोरोना के 28 हजार नए मामले सामने आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही कहा है कि हमें पहले से अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.
पीएम ने जिस दिन कोरोना के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, उसके ठीक अगले दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 24 घंटे में 30 लाख लोगों को वैक्सीन लगाया गया. अब तक एक दिन में इतने अधिक लोगों को वैक्सीन नहीं लगाया गया था. उसी दिन संसदीय कमेटी की बैठक की रिपोर्ट भी सार्वजनिक हुई.
वैक्सीनेशन की शुरुआत हुए दो महीने हो चुके हैं. इतने बड़े देश में यह किसी महायज्ञ से कम नहीं है. अब तक 3.5 करोड़ लोगों को टीका लगवाया जा चुका है. पहले फेज में 50 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक मात्र सात फीसदी लक्ष्य पूरा हुआ है. संसदीय कमेटी का आकलन है कि इस रफ्तार से पूरी आबादी को कवर करने के लिए कम से कम सात साल का समय लगेगा.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि टीकाकरण में जितनी अधिक देरी होगी, कोरोना के उतने अधिक दूसरे वैरियंट के सामने आने की आशंका है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा में तेजी से मामले बढ़ने लगे हैं. जिला स्तर पर सबको अलर्ट कर दिया गया है.
दूसरी ओर वैक्सीन के बर्बाद होने की भी कई खबरें आई हैं. वैक्सीन एक्सपायर हो गई है. पीएम मोदी ने इससे निपटने के लिए अधिक टेस्टिंग सेंटर और वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उनकी बातों पर अमल करके दूसरे राज्यों को वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए.