प्रयागराज/ देहरादून : मौनी अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को गंगा नदी में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. गंगा में पवित्र स्नान कर लोग विधि विधान से पूजन कर जरूरतमंदों को दान दे रहे हैं. कड़ाके की ठंड के बीच वाराणसी और प्रयागराज में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी है.
माघ मास की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना गया है. पंचांग के अनुसार 11 फरवरी यानी आज अमावस्या की तिथि है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या का खास महत्व माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि का कामना करते हैं.
शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है.
मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है.
श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके लिए सिविल डिफेंस के वालंटियर जगह-जगह पर तैनात किए गए है. त्रिवेणी घाट, वीआईपी, अरैल, राम घाट, दशासुमेर, झूंसी और छतनाग घाट पर श्रद्धालुओं के साथ कोई घटना न हो इसके लिए जल पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया है.