बरेली: इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता करते हुए योगी सरकार में हुए एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विकास दुबे से लेकर अब तक के एनकाउंटरों की जांच होनी चाहिए. बिना नाम लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सब में उसको भी 120 बी का आरोपी बनाना चहिए जो कहता है कि मिट्टी में मिला देंगे. इतना ही नहीं प्रदेश में जंगलराज होने की बात कहते हुए 19 अप्रैल को धरना देने का भी ऐलान किया है.
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि जो हालात यूपी में हैं वो किसी से छिपे नहीं हैं. जो कुछ हो रहा है वो जुर्म है, जुर्म की इंतिहा है. मैं किसी खास की हिमायत नहीं करना चाहता, बस इतना कहना चाहता हूं कि विकास दुबे से लेकर आज तक जितने एनकाउंटर हुए हैं, उन सब का दोषी अगर कोई है तो सिर्फ एक आदमी है. उस आदमी को 120 बी का मुलजिम जरूर बनाना चाहिए, जो कहता है मिट्टी में मिला देंगे और मिट्टी में मिला देता है तो उस साजिश में वह बराबर का शरीक है. सिर्फ अरुण को या लवलेश को गिरफ्तार करने से काम नहीं चलेगा. जांच उनके खिलाफ भी होने चाहिए जो इस साजिश में शामिल हैं. मेरा मानना है कि पुलिस और गुंडे में एक गठजोड़ बन गया है और उनकी सरपरस्ती हुकूमत कर रही है. यह गठबंधन अगर नहीं टूटा तो देश में हालात बद से बदतर हो जाएंगे और हम चाहते हैं हमारे देश और प्रदेश के हालात खराब ना हों.
मौलाना तौकीर रजा ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं किसी एक का जिक्र नहीं करता. खासतौर से अतीक वाले मामले की बात जरूर करना चाहूंगा. उसमें पुलिस की भूमिका साफ-साफ नजर आ रही है. अतीक और अशरफ का उन तीन शूटर ने कत्ल किया नहीं है बल्कि उनसे करवाया गया है. उसमें पोस्ट की और सरकार की पूरी भागीदारी है. इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश में जितने भी एनकाउंटर किए गए हैं वह बेईमानी की बुनियाद पर किए गए हैं. विकास दुबे से लेकर अब तक ऐसे तमाम एनकाउंटर का विरोध करते हैं.
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि यूपी में न्यायालय का कोई रोल नहीं रहा. न्यायालय को खत्म कर देना चाहिए. पुलिस स्टेट बना दिया गया है. हमारे उत्तर प्रदेश में गन और बुलडोजर के जरिए फैसला किया जा रहा है तो अदालतों की कहीं कोई जरूरत नहीं है. अदालतें बंद की जाएं और अगर अदालतें जिंदा रखनी है तो जरायम में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम किया जाना चाहिए.