सहारनपुर :धर्मनगरी में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं. कुछ दिनों पहले ही संतों ने पीएम मोदी से मिलकर उन्हें 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया था. इसके बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का बयान सामने आ गया. उन्होंने पीएम मोदी को राम मंदिर शुभारंभ के कार्यक्रम के दूर रहने की नसीहत दे डाली. उनके इस बयान के पर संतों में उबाल है. उन्होंने मदनी के खिलाफ राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
धार्मिक अनुष्ठान राजनीति से मुक्त होने चाहिए :मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत न करें. धार्मिक अनुष्ठान राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होने चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों में केवल धार्मिक लोगों को ही शामिल होना चाहिए. इसके आलावा जमीयत अध्यक्ष ने इस्लामिक संगठनों से जुड़े मौलानाओं एवं पदाधिकारियों को राम मंदिर को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी से दूर रहने की सलाह दी है. वहीं इस बयान का विरोध होना शुरू हो गया है. संत समाज ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
सवाल उठाकर मदनी कर रहे कोर्ट के फैसले का अपमान :अयोध्या केश्री राम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने मौलाना मदनी के बयान पर नाराजगी जाहिर की. कहा कि वहां पहले राम मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई. अब वहां फिर से राम मंदिर बन रहा है. इसमें किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए. पीएम ने मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया था. अब उद्घाटन भी उन्हीं के हाथ से होगा. वह देश के प्रधानमंत्री हैं. देश ही नहीं पूरी दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए वह अयोध्या आ रहे हैं. मदनी ने इस तरह का बयान देकर कोर्ट के फैसले का अपमान किया है.