लखनऊ :हरियाणा में सांप्रदायिक झड़पें शुरू होने के एक दिन बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मेवात में हाल के सांप्रदायिक दंगों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ये अलग-अलग घटनाएं नहीं बल्कि क्षेत्र में नफरत-आधारित कार्यक्रमों के तहत संचालित संगठित आंदोलन का एक हिस्सा है.
सीएम से कार्रवाई की मांग :हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को संबोधित पत्र में मौलाना मदनी ने दोषी पुलिस अधिकारियों और दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की. मेवात में अशांति नूंह में सांप्रदायिक तत्वों द्वारा आयोजित एक उत्तेजक रैली से शुरू हुई. इससे सांप्रदायिक हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने बयान में आगे कहा है कि स्थिति के बारे में पूर्व सूचना और जनता को उकसाने की कोशिशों के बावजूद, प्रशासन ने तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं की.
मोनू मानेसर की गिरफ्तारी न होने पर चिंता :मौलाना मदनी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि मेवात की स्थिति कोई अचानक हुई घटना नहीं है, बल्कि यह गुरुग्राम, मानेसर और पटोदी के इलाकों में मुसलमानों के खिलाफ लगातार नफरत आधारित कार्यक्रमों और खुले उकसावे का नतीजा है, यहां लिंचिंग की कई घटनाएं हुई हैं. इस दंगे के लिए सांप्रदायिकतत्वों को जिम्मेदार ठहराते हुए, मदनी ने मेवात में जुनैद और नासिर को जिंदा जलाने में कथित तौर पर शामिल आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने में विफलता पर चिंता व्यक्त की. कहा कि अंतरराष्ट्रीय बदनामी के बावजूद कथित सरकारी आश्रय और हिंदू चरमपंथी संगठनों की ओर से समर्थन प्रदान किया गया.