नई दिल्ली : मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुएब ने कहा कि सिद्दीकी की गिरफ्तारी से पता चलता है कि योगी सरकार बहुसंख्यक समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि उनका धर्म खतरे में है.
उन्होंने कहा कि इस कारण से केवल राज्य में सत्तारूढ़ दल ने 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए वोटों के ध्रुवीकरण के उद्देश्य से मुसलमानों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है. मुहम्मद शुएब ने कहा कि योगी सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश में लगी हुई है.मुसलामानों से हिंदुओं को आतंकित किया जा रहा है. ताकि दोनों समुदाय के बीच खाईं बढ़े और हिंदु-मुस्लिम सार्वजनिक मुद्दे पर एक साथ न आवाज उठा सकें.
उन्होंने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी एक प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान हैं, जिस तरह से उनकी धार्मिक गतिविधियों का अपराधीकरण किया जा रहा है वह एक साजिश और संवैधानिक अधिकारों पर हमला है. मुहम्मद शुएब ने आरोप लगाया कि इस ऑपरेशन को चलाने की जिम्मेदारी एटीएस को सौंपी गई है, जो कभी आतंकवाद के नाम पर तो कभी धर्म परिवर्तन के नाम पर फर्जी गिरफ्तारियां कर रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार संविधान को ताक पर रखकर जो नए कानून ला रही है, वे न केवल नागरिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक ढांचे को भी तोड़ रहे हैं.