दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एसडीएम ज्योति मौर्या के रास्ते पर मथुरा की गीता, सरकारी टीचर बनते ही पति से मांगने लगी तलाक

एसडीएम ज्योति मौर्या (SDM jyoti maurya case) ने अपने पति के लिए जो रुख अपनाया वो बतौर उदाहरण अलग-अलग मामलों के रूप से लोगों के सामने आने लगे हैं. मुकाम मिलते ही मथुरा की गीता ने भी पति को दुत्कार दिया.

SDM jyoti maurya case
SDM jyoti maurya case

By

Published : Jul 23, 2023, 4:48 PM IST

पत्नी की हर ख्वाहिश पूरी करने वाले पति को मिला धोखा.

मथुरा :खुद प्राइवेट कॉलेज में टीचर होने के बावजूद पति ने कर्ज लेकर पत्नी को पढ़ाया. तमाम मुश्किलें झेलकर पत्नी की ख्वाहिशें पूरी कीं. उसे उम्मीद थी कि पत्नी पढ़-लिखकर आगे बढ़ेगी तो उसे भी संबल मिलेगा, दोनों हंसी-खुशी गृहस्थी की गाड़ी को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन सरकारी टीचर बनते ही पत्नी ने पति के अरमानों का गला घोंट दिया. पहली सेलरी मिलते ही वह मायके चली गई. इसके बाद लौटकर नहीं आई. अब वह पति से तलाक मांग रही है. जिले की गीता सागर भी अब एसडीएम ज्योति मौर्या की राह पर निकल पड़ी हैं.

छह साल पहले हुई थी शादी :मामला जिले के मथुरा ब्लॉक के गांव नगला धनिया का है. गांव के रहने वाले शैलेंद्र सिंह की शादी 8 दिसंबर 2016 में महावन निवासी गीता सागर से हुई थी. शैलेंद्र बीटेक करने के बाद एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाते थे. इसी से मिले रुपये से उनके परिवार का गुजारा होता था. जबकि गीता बीएड थीं, वह आगे पढ़ना चाहती थीं. शैलेंद्र ने उनकी इच्छा पूरी की. दोनों हंसी-खुशी रह रहे थे.

पत्नी फोन पर बात भी नहीं करना चाहती है.

आगे की कहानी शैलेंद्र की जुबानी सुनिए :शैलेंद्र सिंह ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि ' पत्नी की इच्छा के अनुसार मैंने तैयारी के लिए एक कोचिंग में उसका दाखिला कराया. मेरी स्थिति ऐसे नहीं थी कि मैं गीता को पढ़ा पाता, लेकिन जैसे-जैसे कर्ज लेकर मैं उसके सपने पूरे करने में लग गया. मैंने ठान लिया था कि गीता को सरकारी टीचर जरूर बनाना है. इससे मुझे भी मदद मिलेगी और पारिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी. गीता ने टेट और सुपर टेट क्लीयर किए तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लगा कि पत्नी के साथ मेरे भी ख्वाब पूरे होने लगे हैं. इस बीच गीता ने दो बच्चियों को जन्म दिया. 69 हजार शिक्षक भर्ती में गीता का नंबर भी आ गया. इसके बाद 2 नवंबर 2020 को वह सरकारी टीचर बन गई. ज्वाइनिंग के बाद गीता मेरे साथा खुशी-खुशी रह रही थी'.

यह भी पढ़ें :एसडीएम ज्योति मौर्या की जेठानी भी ससुरालियों के खिलाफ, गांव की महिलाएं बोलीं- हो सकती है साजिश

नौकरी मिलते ही पत्नी दूरी बनाने लगी.

पहली सेलरी मिलते ही चली गई मायके :शैलेंद्र सिंह ने बताया कि 'गीता के मायके से कोई हालचाल भी लेने नहीं आता था. न ही कोई किसी तरह की मदद करता था. कुछ समय बाद गीता को पहली सेलरी मिली तो उसकी मम्मी, उसकी बहन और उसके पिताजी आ गए. इसके बाद कुछ दिनों तक अपने साथ रखने की बात कहते हुए गीता को लेते गए. इसके बाद गीता लौटकर नहीं आई. दोनों बच्चियां भी उसी के साथ हैं. गीता को बुलाने के लिए कई बार फोन किया लेकिन उसने साफ मना कर दिया. वह दो साल से मायके में ही रह रही है. कई बार उसे लेने ससुराल भी गया, लेकिन ससुरालियों ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया. गीता को कोचिंग कराने के लिए मैंने कर्ज भी लिया था. अब वह मेरे साथ संबंध नहीं रखना चाहती है, वह तलाक मांग रही है. मैंने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने गीता को फोन भी किया था, लेकिन इसके बावजूद वह आने को तैयार नहीं हुई'.

यह भी पढ़ें :बीटीसी करने के बावजूद एसडीएम ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या को इस वजह से करनी पड़ी सफाई कर्मी की नौकरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details