मथुरा: जनपद के विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट कोर्ट ने सोमवार को मात्र 15 दिन में कुकर्म के बाद हत्या मामले में सजा सुनाकर इतिहास रच दिया है. पुलिस की तत्परता और तमाम सबूतों के आधार पर सिर्फ 15 दिन में ही आरोपी को दोष सिद्ध किया गया. कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है.
8 अप्रैल को लापता हुआ था बच्चाः सदर बाजार थाना के औरंगाबाद इलाके से 9 वर्षीय किशोर 8 अप्रैल को अपने घर से लापता हो गया था. बच्चे के पिता ने सदर बाजार थाने में 9 अप्रैल को गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया और सैफ नाम के व्यक्ति पर अपहरण करने की आशंका जताई. इसके बाद पुलिस ने बच्चे की तलाश के लिए इलाके के सीसीटीवी कैमरे चेक किए. इसके साथ ही टीम बनाकर आरोपी की तलाश शुरू की. इसी दौरान पुलिस ने औरंगाबाद इलाके में सैफ को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. पुलिस ने आरोपी से सघनता से पूछताछ की तो सैफ ने सारे घटनाक्रम पुलिस को बता दिया और उसी की निशानदेही पर औरंगाबाद इलाके से बच्चे की बॉडी बरामद की गई.
गला दबाकर की थी हत्याः गिरफ्तार किए गए सैफ ने बताया कि कुकर्म करने केबाद उसे पहचान उजागर होने का डर था. जिसकी वजह से उसने बच्चे की लोहे की स्प्रिंग से गला दबाकर हत्या कर दी. हत्यारे सैफ के खिलाफ पुलिस ने धारा 363, 302, 201, 377 और धारा-6 पोक्सो एक्ट अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपी सैफ मूल रूप से केडीए कॉलोनी थाना जाजमऊ कानपुर का रहने वाला है और औरंगाबाद में रह रहा था.
15 दिन में सिद्ध हुआ दोषः एडीजीसी अलका उपमन्यु एडवोकेट ने बताया कि 8 अप्रैल 2023 को सदर बाजार थाना क्षेत्र में पड़ोस के रहने वाले 30 वर्षीय सैफ ने 9 वर्षीय किशोर के साथ कुकर्म किया. इसके बाद बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को फेंक दिया. पुलिस ने 28 अप्रैल को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. अभियुक्त पर न्यायालय में 2 मई 2023 को चार्ज लगाया गया था. इसमें कुल 14 गवाह पेश किए गए. 8 मई को पहली गवाही कराई गई. 18 मई को सभी की गवाही खत्म हुई. इसके बाद 22 मई को फाइनल बहस हुई थी. एडीजीसी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट जज रामकिशोर यादव ने 26 मई को आरोपी सैफ पर सभी धाराओं में दोष सिद्ध करार दिया था. इसके बाद सोमवार को न्यायाधीश ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. इसके साथ ही और एक लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया है.