मेरठ :जिले के रहने वाले सुरेंद्र जैन ने 72 साल की उम्र में 75 हजार माचिस की तीलियाें से अनाेखा एफिल टावर तैयार किया है. अपने इस अनाेखे शौक काे मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्हें 50 साल का वक्त लग गया. इसके लिए उन्हाेंने फ्रांस की यात्रा भी की. पेरिस पहुंचने के बाद वह 2 दिन तक लगातार एफिल टावर के पास बैठकर उसे निहारते रहे. माचिस की तीलियाें से हूबहू इसे बनाने का ताना-बाना बुनते रहे. अब जाकर उन्हें सफलता मिली है.
जिले के रेलवे राेड निवासी सुरेंद्र जैन व्यवसायी हैं. परतापुर में उनकी फ्लाेर मिल है. ईटीवी भारत से बातचीत में सुरेंद्र जैन ने बताया कि पढ़ाई के दौरान मां ने कहा था कि कुछ अलग करो, इसके बाद मैंने माचिस की तीलियाें से एफिल टावर तैयार करने का फैसला ले लिया. एफिल टावर उन्हें बार-बार आकर्षित करता था. सात अजूबों में से एफिल टावर भी एक अजूबा है. वह व्यवसाय के बीच समय निकाल कर माचिस की तीलियाें से एफिल टावर बनाने का प्रयास करने लगे.
शरीर में कंपन्न के बावजूद नहीं खाेया हौसला :सुरेंद्र जैन बताते हैं कि पिछले 50 साल से वह लगातार इसे हूबहू बनाने के लिए कोशिश करते रहे हैं. माचिस की तीलियाें से एफिल टावर बनाने में कई परेशानियाें का सामना करना पड़ा. हर बार प्रयास फेल हाेते रहे. 2019 में पूरी गंभीरता से वह जुट गए. बढ़ती उम्र की वजह से उनके शरीर में कंपन्न की समस्या रहने लगी. हाथ कांपने से संतुलन बनाने में परेशानी आने लगी. इस पर उन्हाेंने याेग का सहारा लिया. समस्या कम हुई ताे फिर से जुट गए.
2013 में की फ्रांस की यात्रा : सुरेंद्र जैन ने बताया कि तीलियाें से एफिल टावर बनाने की धुन कुछ इस कदर सवार थी कि वह 2013 में फ्रांस पहुंच गए. पेरिस पहुंचे तो दो दिन तक वह टावर के नजदीक बैठकर उसे ही देखते रहे. सुरेंद्र ने बताया कि वहां रहकर उन्हें और ज्यादा प्रेरणा मिली. इसके बाद वापस आकर फिर इसे बनाने में जुट गए. असफल हाेते रहे लेकिन सफल हाेने की जिद जारी रही. 2019 में वह पूरी गंभीरता से जुट गए.