ललित झा के माता-पिता से बातचीत दरभंगा :लोकसभा में 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए सदन के अंदर कुछ लोग प्रवेश कर गए थे. घुसपैठियों ने सदन के अंदर और बाहर कलर्ड स्मोक छोड़ते हुए जमकर नारेबाजी की थी. इस पूरे मामले का तार बिहार के दरभंगा से जुड़ा हुआ है. क्योंकि इस घटना का मास्टरमाइंड ललित झा दरभंगाके अलीनगर प्रखंड के रामपुर उदय गांव का निवासी है.
दोस्तों से मिलने दिल्ली जाने की कही थी बात : इस पूरे मामले को लेकर ललित के माता-पिता का कहना है कि ललित घर या बाहर में ऐसी कोई हरकत नहीं की थी. कभी ऐसा कोई काम नहीं किया कि हमलोगों को उसपर शक हो. हम लोगों को गाड़ी में बैठाकर ललित ने कहा था कि वह अपने दोस्त से मिलने के लिए दिल्ली जा रहा है. इसपर मैंने उसे आशीर्वाद के रूप में 250 रुपया दिया था. ललित के माता-पिता को इस बात का कुछ पता नहीं था, कि उसके बेटे का नाम ऐसे संगीन मामले से जुड़ने वाला है.
"दरभंगा के ट्रेन पर बैठाकर ललित ने कहा कि मैं दो चार दिन के लिए दिल्ली जा रहा हूं और दोस्तों से मिलकर लौट आऊंगा. किस लिए जा रहे हैं, कहां जा रहे हैं, क्यों जा रहे हैं, इस चीज की हम लोगों को किसी प्रकार की जानकारी नहीं है. जब ललित हमसे आशीर्वाद लेकर लौट रहा था तो हमने उसे 250 रुपया आशीर्वाद के रूप में दिया था और कहा था कि तुम जाकर इससे कुछ खा लेना."-देवानंद झा, ललित झा के पिता
दरभंगा में घर पर ललित झा के माता-पिता माता-पिता को दरभंगा भेजकर, खुद चला गया दिल्ली : देवानंद झा ने कहा कि दरभंगा आते समय ललित ने कहा कि आप लोग आराम से जाइए. मैं भी रात 8 बजे दिल्ली के लिए निकलूंगा और दो-चार दिन में घूम कर लौट आऊंगा. उन्होंने कहा कि ललित को कभी भी किसी प्रकार की गलत गतिविधि करते नहीं देखा. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वह दो-तीन बार दिल्ली जा चुका है. किस काम के लिए वह दिल्ली जाता था. उसने कभी इस बात की जानकारी हम लोगों को नहीं दी.
"मेरा बेटा भगत सिंह की तस्वीर की पूजा-पाठ करता है. इस बात की जानकारी हमलोगों को है. इसके अलावा किसी प्रकार की जानकारी नहीं है. भगत सिंह को ललित अपना गुरु मनता है और किसी प्रकार की कोई बात नहीं है."-
मंजुला झा, ललित झा की माता भगत सिंह की तस्वीर की करता था पूजा :मंजुला झा ने कहा कि हमारा लड़का बहुत ही अच्छा है. यह कैसे हो गया हमको समझ में कुछ नहीं आ रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि ललित से मिलने के लिए घर पर कोई नहीं आता था. घर से बाहर वह क्या करता था, इस बात की जानकारी हम लोगों को नहीं है. आजतक इस तरह की कोई गतिविधि देखने को मिली. वहीं ललित मोहन झा के पड़ोसी ने कहा कि पिछले एक साल से वह गांव नहीं आया था. बचपन से ही शांत स्वभाव का था. प्रारंभिक पढ़ाई इसी गांव के स्कूल में कर कोलकाता चला गया.
"ललित के माता-पिता काफी परेशान हैं. कल हम लोगों को पता चला कि संसद वाले कांड में ललित का नाम मास्टरमाइंड के रूप में आया है. इस तरह कि सूचना मिलने के बाद हम लोग काफी अचंभित हैं. क्योंकि ललित इस प्रकार का लड़का नहीं था."- सुमन झा, ग्रामीण
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