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मासिक शिवरात्रि : भगवान भोलेनाथ की शुभ मुहूर्त में ऐसे करें आराधना

हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है. भाद्रपद मास में 5 सितंबर, रविवार को मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है.

Monthly Shivratri
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Published : Sep 5, 2021, 1:02 AM IST

पानीपत : मासिक शिवरात्रि का पर्व हर मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 05 सितंबर 2021, रविवार को है. इस तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. साल में बड़ी शिवरात्रि दो बार आती है, फाल्गुन मास की चतुर्दशी को शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है और दूसरा सावन मास की चतुर्दशी के दिन. लेकिन हर महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत कर के भी भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त की जा सकती है. कहा जाता है भोलेनाथ को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है, परंतु शिवरात्रि का व्रत कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. वह केवल पूजा अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है, जो भी है उपवास करता है उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों से मुक्त होने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुक्मिणी जैसी देवियों ने भी भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया था.

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है.

मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि

सुबह उठकर स्नान करें और सफेद या लाल वस्त्र धारण करें. घर में बने मंदिर को साफ करने के बाद गंगाजल से पवित्र करें. भोलेनाथ की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं. पूजा अर्चना कर पंचामृत का भोग लगाएं और ओम नमः शिवाय का जाप करें. संपूर्ण दिन निराहार रहकर और भोलेनाथ का गुणगान करते रहें. शाम को फल ग्रहण कर इस व्रत को खोला जा सकता है.

मासिक शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार 5 सितंबर 2021 दिन रविवार को भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से, अगले दिन 6 सितंबर 2021 दिन सोमवार को 12 बजकर 43 मिनट तक बना हुआ है.

पूजा में इन सामग्री का करें उपयोग

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.

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