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Masik Shivratri 2021: मासिक शिवरात्रि आज, इस तरह करें व्रत, जानें शुभ मुहूर्त - masik shivaratri 2021

ऐसा माना है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2021) पर भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. वह केवल पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी है उपवास करता है उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि

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Published : Oct 4, 2021, 12:37 PM IST

Updated : Oct 4, 2021, 1:27 PM IST

पानीपत: भगवान शिव की आराधना के लिए पवित्र मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2021) का व्रत आज है. आज सोमवार को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है, जिस वजह से भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से विशेष पुण्य मिलेगा. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

बता दें, साल में शिवरात्रि दो बार आती है. फाल्गुन मास की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है और दूसरी सावन मास की चतुर्दशी के दिन, लेकिन हर महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत से भी भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त की जा सकती है. कहा जाता है भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत आसान है, परंतु एक व्रत ऐसा है जो भगवान शिव को सर्वप्रिय है वो है शिवरात्रि. इस व्रत से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है.

मासिक शिवरात्रि

इस बार मासिक शिवरात्रि 4 अक्टूबर यानी आज मनाई जा रही है. मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) का व्रत रखने वाले शख्स को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

ऐसा माना है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. वह केवल पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी है उपवास करता है उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटें को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी रुकमणी जैसी देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे.

मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि

इस मासिक शिवरात्रि पर पंडित हरिशंकर शर्मा ने बताया कि सुबह उठकर स्नान करें और सफेद या लाल वस्त्र धारण करें. घर में बने मंदिर के साफ करने के बाद गंगाजल से पवित्र कर लें. भोलेनाथ की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं. समस्त परिवार समेत भोलेनाथ की प्रतिमा मंदिर में स्थापित करें और उनकी पूजा-अर्चना करें. उसके बाद पंचामृत का भोग लगाएं और ओम नमः शिवाय का जाप करें. संपूर्ण दिन निराहार रहकर भोलेनाथ का गुणगान करें और शाम को फल खाकर कर इस व्रत को खोलें.

Last Updated : Oct 4, 2021, 1:27 PM IST

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