रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का दंश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों ने कायराना करतूत को अंजाम देते हुए आईईडी ब्लास्ट किया. इस ब्लास्ट में 10 डीआरजी के जवान शहीद हो गए हैं. इसमें कुछ ऐसे भी जवान शामिल थे. जिन्होंने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में जुड़े थे. इन्हीं में एक ऐसा भी जवान कुर्बान हुआ है, जिन्हें डीआरजी में भर्ती हुए एक माह भी नहीं हुए थे और अपनी माटी के लिए शहीद हो गए.
एक महीने भी नहीं हुए नौकरी को, घर पहुंचा शव :हम बात कर रहे नक्सल हमले में शहीद हुए नव आरक्षक दुलगो मण्डावी. दुलगो अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके के मारजूम भामापारा का रहने वाला था. उनके पिता जगरा राम मण्डावी की पहले ही मौत हो गई है. घर में उनकी मां काड़े और पत्नी कुमली मण्डावी के साथ एक पुत्र भी है. दुलगो पहले नक्सली था. लेकिन परिवार और समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए कुछ साल पहले ही आत्म समर्पण किया था.