गैरसैंण (उत्तराखंड):जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद रुचिन सिंह रावत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कुनिगाड़ पहुंच गया है. जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो शहीद की पत्नी,माता-पिता,दादा-दादी, भाई-बहन उनके पार्थिव शरीर से लिपट कर रोने लगे. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद के पार्थिव शरीर को देख स्थानीय लोगों की आंखें नम हो गई, उन्होंने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी. शहीद रुचिन के घर क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल भी पहुंचे. जहां उन्होंने शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए परिवार को ढांढस बधाया.
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रुचिन रावत, सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
शहीद रुचिन रावत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कुनीगाड़ पहुंचते ही लोगों की आंखें नम हो गई. शहीद रुचिन रावत के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. नम आंखों से परिजन और क्षेत्रवासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद को छोटे भाई ने मुखाग्नि दी.
शहीद को छोटे भाई ने दी मुखाग्नि:रुचिन सिंह रावत की बहादुरी पर जहां गांव के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं, वहीं उनकी शहादत से हर किसी की आंखें नम हैं.शहीद रुचिन सिंह रावत को उनके पिता राजेन्द्र सिंह रावत, पत्नी कल्पना, बहन गीता दादा कलम सिंह, दादी मालती देवी ने नम आंखों से पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. शहीद रुचिन रावत को महादेव घाट पर उनके छोटे भाई विवेक रावत ने मुखाग्नि दी.
पढ़ें-शहीद कमांडो रुचिन रावत और प्रमोद नेगी के पार्थिव शरीर लाए गए जौलीग्रांट एयरपोर्ट, सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि
आतंकियों से मुठभेड़ में हुए शहीद:जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम विदाई दी जाएगी. गौरतलब है कि 29 वर्षीय रुचिन रावत जम्मू के उधमपुर में 9 पैरा कमांडो में तैनात थे. बीते रोज जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान एक आईईडी ब्लास्ट में रुचिन रावत शहीद हो गए थे. शहीद रुचिन सिंह रावत के परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और उनका चार साल का बच्चा है.