बीएसई का मार्केट कैप 3.54 ट्रिलियन डॉलर, अभी तो और बनेंगे शेयर बाजार में रिकॉर्ड ?
बीएसई को 3.54 ट्रिलियन का मार्केट बनाने और सेंसेक्स को 59 हजार के मैजिक नंबर तक पहुंचाने में खुदरा निवेशकों का बड़ा योगदान है. निवेश के लालायित मध्यम और छोटे निवेशकों की हालत यह है कि वह नए आईपीओ का जोरदार स्वागत कर रहे हैं. अभी भारत का शेयर बाजार कई नए कीर्तीमान गढ़ने वाला है. इसका फायदा उन निवेशकों को होगा, जो लंबे समय से मार्केट में निवेश कर रहे हैं.
bse crossed usd 3.54 trillion dollar mark
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Published : Sep 17, 2021, 4:53 PM IST
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Updated : Sep 17, 2021, 5:04 PM IST
हैदराबाद : इंडियन शेयर मार्केट का इंडेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) के लिहाज से दुनिया के 6 बड़े एक्सचेंज में शुमार हो गया है. बीएसई में उछाल की बदौलत भारत फ्रांस को पछाड़कर छठे स्थान पर आया. फ्रांस के 3.4 ट्रिलियन डॉलर की तुलना में भारत का बाजार पूंजीकरण अब 3.5 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. पिछले साल जून 2020 में बीएसई 10 बड़े एक्सचेंज में शामिल हुआ था. तब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) 1.7 ट्रिलियन डॉलर था. पिछले 18 महीनों में बीएसई के मार्केट कैप में दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. इसका मतलब यह है कि इसका मतलब यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था के साथ शेयर बाजार भी बड़े हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारत के एम-कैप-टू-जीडीपी ने 2007-08 में 150 फीसद के अपने पिछले रिकॉर्ड उच्च स्तर को पीछे छोड़ दिया है और 172 प्रतिशत तक चढ़ गया है.
देशों के टाइम जोन और डॉलर के रेट के हिसाब से सटीक आंकड़ा देना मुश्किल है. हालांकि बीएसई के सीईओ आशीष चौहान का दावा है कि भारत बाजार पूंजीकरण के हिसाब से पांचवें नंबर पर है.
3.5 ट्रिलियन डॉलर तक का सफर
28 मई 2007
बीएसई का मार्केट कैप पहली बार1 ट्रिलियन डॉलर का हुआ.
6 जून 2014
1.5 ट्रिलियन डॉलर के पूंजीकरण हासिल करने में भारत के प्रमुख शेयर बाजार को सात साल से अधिक 2,566 दिन लगे.
10 जुलाई 2017
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2 ट्रिलियन डॉलर का हुआ. 1.5 से दो ट्रिलियन होने में 3 साल से अधिक 1,130 दिन लगे
16 दिसंबर 2020
बीएसई का मार्केट कैप 2.5 ट्रिलियन डॉलर का हो गया.
24 मई 2021
मार्केट कैप ने 3 ट्रिलियन डॉलर की नई ऊंचाई हासिल की.
16 सितंबर 2021
बीएसई ने 5 महीने में ही रिकॉर्ड बना दिया. बीएसई का मार्केट कैप 3.54 ट्रिलियन डॉलर हो गया.
शुक्रवार को भी बीएसई 59 हजार के ऊपर बना रहा.
क्यों बढ़ा बीएसई का मार्केट कैप
मार्केट कैप शेयर मार्केट में सूचीबद्ध फर्मों का बाजार मूल्य होता है. बीएसई में देश के महत्वपूर्ण फर्म और कंपनियां लिस्टेड हैं. इन कंपनियों की आर्थिक तरक्की का मतलब है देश का भी आर्थिक विकास होता रहा है. देश में कोविड के मामलों में नियंत्रण और टीकाकरण के कारण निवेशकों को स्वस्थ आर्थिक गतिविधियों के प्रति भरोसा हुआ.
एक्सपर्ट अजय केडिया के मुताबिक, पिछले 18 महीनों में निवेशकों में उत्साह के कारण कभी बड़ी गिरावट नहीं हुई, मौजूदा बुल रन के कारण सेंसेक्स का मार्केट कैप बढ़ता गया. मजबूत अर्निंग डिलीवरी, बेहतर लिक्विडिटी और खुदरा निवेशकों की भागीदारी ने बाजार के पूंजीकरण को मजबूत किया है.
विश्व के सभी केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं के मजबूत करने के लिए अभूतपूर्व राशि का निवेश किया. फंड के प्रवाह से ग्लोबल लिक्वडिटी बढ़ी. इसका फायदा भी शेयर मार्केट को मिला.
खुदरा निवेशकों से भी सेंसेक्स की चांदी :कोरोना महामारी के कारण खुदरा निवेशक इनवेस्ट करने के लिए ऑप्शन की तलाश कर रहे थे. अभी प्रॉपर्टी मार्केट काफी महंगा हो गया है. सोने का भाव पहले ही 56 हजार के रेकॉर्ड स्तर तक जा चुका है. बैंकों ने फिक्स डिपोजिट में ब्याज दर में कमी कर दी. इस कारण खुदरा निवेशकों ने शेयर मार्केट का रुख किया. डिजिटली डी मैट अकाउंट ओपन करना और इनवेस्ट करना आसान हो गया है. कोरोना काल में 142 लाख नए निवेशक स्टॉक एक्सचेंज एसआईपी (SIP) और डी मैट अकाउंट के जरिये शेयर बाजार से जुड़े. इसका फायदा अब सेंसेक्स को मिल रहा है.
एक्सपर्ट भी मानते हैं कि शेयर बाजार में निवेश का दौर अभी लंबा चलेगा
बिजनेस साइकल फेज 3 का असर :कोरोना के बाद से रिटेल मार्केट पूरी तरह से खुल गया है. अभी भारत का बाजार बिजनेस साइकल के फेज-3 में हैं. फेज 3 का मतलब है कि महामारी से निपटने के बाद बाजार खुद को तेजी संभाल रहा है. एफएमसीजी, सर्विस और रिटेल सेक्टर अपना सेल्स पिकअप कर रहा है. उदाहरण के लिए आईआरसीटीसी का शेयर के दाम1600 से घटकर निचले स्तर पर 850 रुपये का हो गया था. जैसे जैसे रेलवे का परिचालन सुचारू होगा, इसके शेयर के दाम बढ़ेंगे. सभी सेक्टरों में ग्रोथ ज्यादा अच्छी दिख रही है. अभी शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी और बढ़ेगी.
बड़ी कंपनियों के एम-कैप में बढ़ोतरी से ऊंचा हुआ सेंसेक्स :अब 24 मार्च 2020 से 6 सितंबर, 2021 के बीच बीएसई में लिस्टेड 10 में से 9 कंपनियों का मार्केट कैप (market capitalisation) 2,93,804.34 करोड़ रुपये बढ़ा है. देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अब 16 लाख करोड़ रुपये हो गया है. टीसीएस का मार्केट कैप 6.4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. इंफोसिस भी 2.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 7.3 लाख करोड़ रुपये की कंपनी हो गई है. इसके अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का मार्केट कैप 6.57 लाख करोड़ के पार जा चुका है. पिछले दिन लिस्टेड हुई जोमैटो का आईपीओ का बाजार मूल्य 5 लाख करोड़ के पार पहुंच गया था.
आईपीओ और एसआईपी के जरिये निवेश करने वालों को फायदे की उम्मीद बढ़ी है.
लंबे समय से इनवेस्ट करने वालों को होगा फायदा :एक्सपर्ट मानते हैं कि फेस्टिव सीजन शुरू हो चुके हैं और बाजार में अभी काफी मनी फ्लो आएगा. इसका फायदा भी शेयर मार्केट को मिलेगा. इसके अलावा भारत सरकार की कंपनियों में विनिवेश की खबरें आ रही हैं. एलआईसी के आईपीओ का इंतजार देशी और विदेशी निवेशकों को है. विदेशी निवेशक के हिसाब से भी अभी बाजार में पॉजिटिव माहौल है यानी बहुत जल्द भारतीय शेयर बाजार 60 हजार के मैजिक नंबर को छू सकता है. यानी जो काफी समय से एसआईपी और अन्य माध्यमों से निवेश कर रहे हैं, उन्हें बंपर लाभ हो सकता है.