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मराठा आरक्षण : महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

मराठा आरक्षण (Maratha reservation) को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में पुनर्विचार याचिका दायर की है. बता दें कि पांच मई को कोर्ट महाराष्ट्र के उस कानून को रद्द कर दिया था, जिसने मराठों को सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण दिया था.

महाराष्ट्र सरकार
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Published : Jun 23, 2021, 6:11 AM IST

मुंबई : मराठा समुदाय के लिए आरक्षण और अन्य लाभों की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)मेंपुनर्विचार याचिका दायर की है. पूर्व जस्टिस भोसले कमेटी की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने यह याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द करने के बाद, राज्य सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मराठा आरक्षण पर पुनर्विचार की मांग की.

इस संबंध में संभाजी राजे छत्रपति ने ट्वीट किया कि राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है.

संभाजी राजे ने की थी याचिका दायर मांग
छत्रपति संभाजी राजे ने पहले मांग की थी कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका दायर करे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्व न्यायमूर्ति भोसले की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.

इसके बाद भोसले समिति की रिपोर्ट ने सुझाव दिया था कि राज्य सरकार को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए.

मराठा आरक्षण याचिकाकर्ता विनोद पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के बाद खुशी जताई. हालांकि, विनोद पाटिल ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मराठा आरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से लेने और मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी.

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पांच मई को कोर्ट ने रद्द किया था कानून
गौरतलब है कि पांच मई को उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के उस कानून को रद्द कर दिया था, जिसने मराठों को सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण दिया था.

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