छत्रपति संभाजीनगर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने आरक्षण की समय सीमा 24 दिसंबर तक घोषित की है, जबकि मुख्यमंत्री ने इसे 2 जनवरी घोषित किया है. इससे मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. अब राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे को लेकर जारांगे पाटिल से मुलाकात करेगा. आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार की बात का समर्थन करते हुए गुरुवार को भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला किया.
जारांगे ने कहा कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण दे रही है, तो हम उन्हें समय देने के लिए तैयार हैं. तो अपना समय ले लो. लेकिन उन्होंने सरकार को 24 दिसंबर तक की डेडलाइन देते हुए कहा कि तुरंत आरक्षण दिया जाए. लेकिन जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षण की तारीख 2 जनवरी तय की तो मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए 2 जनवरी तक का समय दिया है, तो तारीख को लेकर एक नया भ्रम पैदा हो गया है.