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IIT कानपुर का 64वां स्थापना दिवस: Infosys चेयरमैन नारायणमूर्ति, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा समेत कई दिग्गजों ने यहीं से की पढ़ाई, देश-दुनिया में बज रहा डंका

आईआईटी कानपुर का आज 64वां स्थापना दिवस (64th foundation Day of IIT Kanpur) है. इस संस्थान ने देश और दुनिया को कई दिग्गज लीडर दिए जिनका डंका देश और दुनिया में बज रहा है. चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ दिग्गजों के बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2023, 1:45 PM IST

कानपुर: आईआईटी कानपुर का आज 64वां स्थापना दिवस (64th foundation Day of IIT Kanpur) है. संस्थान का डंका देश और दुनिया में बज रहा है. आईआईटी कानपुर से पढ़ने वाले पूर्व छात्र अपनी प्रतिभा का लोहा दुनिया को मनवा चुके हैं. संस्थान के प्रमुख पूर्व छात्रों में इंफोसिस की स्थापना करने वाले चेयरमैन के एन नारायणमूर्ति (Infosys Chairman K N Narayana Murthy), उप्र के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा (Chief Secretary of UP Durgashankar Mishra), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (डीएसटी) में सचिव प्रो अभय करंदीकर समेत कई लोग शामिल हैं.

इन्फोसिस चेयरमैन के एन नारायणमूर्ति ने 1969 में आईआईटी कानपुर में की थी पढ़ाई.
उप्र के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा भी आईआईटी कानपुर के एल्युमिनाई हैं.

इंफोसिस चेयरमैन के एन नारायणमूर्ति संस्थान के 1969 बैच के छात्र रहे हैं. मौजूदा समय में उनकी कंपनी का बाजार पूंजीकरण 5.71 लाख करोड़ से अधिक का है. इन्फोसिस का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने 1978 से 1983 तक इसी संस्थान से पढ़ाई की.

2006 में एक विमान से इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत करने वाले राकेश गंगवाल आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र रहे हैं.

इसी तरह 1975 बैच में दाखिला लेने वाले राकेश गंगवाल इंडिगो एयरलाइंस के फाउंडर रहे हैं. उन्होंने कुछ सालों पहले ही आईआईटी कानपुर को 100 करोड़ रुपये दान में दिए थे जोकि, किसी भी पूर्व छात्र द्वारा संस्थान को दी गई दान की सर्वाधिक राशि है.

आईआईटी के पूर्व निदेशक अभय करंदीकर भी यही के छात्र रहे हैं.

1979 बैच में आईआईटी से पढ़ाई करने वाले प्रो.अभय करंदीकर, आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक रह चुके हैं. चार साल तक निदेशक के पद पर काम करने के बाद कुछ दिनों पहले ही उन्हें केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (डीएसटी) में सचिव बनाया गया.

कानपुर के पूर्व और चर्चित डीएम आलोक कुमार ने भी आईआईटी से 1997 से 2001 के बीच अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी की. मौजूदा समय में वह रक्षा मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. 1976 बैच के छात्र रहे, मुकेश पंत नामचीन कंपनी केएफसी के सीईओ रह चुके हैं. यहां से पढ़कर देश के सर्वश्रेष्ठ पदों पर बैठने वाले पूर्व छात्रों की फेहरिस्त बहुत लंबी है.

अब तक का सर्वाधिक पैकेज दो करोड़ का: आईआईटी कानपुर के छात्रों का अगर नवाचार जनउपयोगी होता है, तो उसके साथ-साथ अगर उनका नामचीन कंपनियों में चयन होता है तो वहां उन्हें आकर्षक सैलरी पैकेज भी मिलता है. साल 2013 में तो आईआईटी के एक छात्र का चयन दो करोड़ रुपये के पैकेज पर हुआ था. बताते हैं, यह पैकेज आईआईटी कानपुर के कैम्पस प्लेसमेंट का सबसे बड़ा पैकेज रहा. इसके अलावा औसतन हर साल छात्रों को 15 से 20 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरियां मिल जाती हैं.

देश में 5वीं दुनिया में 85वीं रैंक: पांच जून 2023 को जब देश के सभी नामचीन शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी की गई थी तब उसमें आईआईटी कानपुर को शिक्षा मंत्रालय की ओर से नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में पांचवां स्थान मिला. साल 2021 और 2022 में भी आईआईटी की ओवरआल रैंकिंग पांचवीं रही जबकि साल 2020 में छठवीं, 2019 में छठवीं और 2018 में सातवें स्थान पर आईआईटी कानपुर काबिज रहा था, जबकि मार्च 2023 में जब क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग की लिस्ट आई थी, तब आईआईटी कानपुर का 85वां स्थान था. साल 2022 में संस्थान का इस रैंकिंग में 122 वां स्थान था.

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