उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक के साथ ही बरपाया कहर विकासनगर (उत्तराखंड): उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है. इसी कड़ी में विकासनगर में बाड़वाला जुड्डो मार्ग पर पहाड़ी दरक गई. जिससे सड़क पर भारी भरकम होल्डर आ गिरे. ऐसे में कल तक सड़क खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. सड़क बंद होने से यमुनोत्री जाने वाले यात्री कालसी होकर जा रहे हैं. उधर, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में पर्वतीय जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है.
बाड़वाला जुड्डो मार्ग पर गिरे बोल्डरःविकासनगर-बाड़वाला-जुड्डो मोटर मार्ग पर किलोमीटर 12 पर भारी भरकम पहाड़ी का एक हिस्सा आ गिरा. गनीमत रही कि उस वक्त कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. यह मार्ग बंद होने से दूसरे वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही कराई जा रही है.
वहीं, लोनिवि के कर्मचारी दो जेसीबी और एक ट्रैक्टर ट्राली की मदद से सड़क को खोलने का प्रयास कर रहे हैं. लोनिवि के विभागीय कर्मचारियों के मुताबिक, सड़क से बोल्डर और मलबा हटाने में दो दिन का समय लग सकता है. ऐसे में यात्रियों को दूसरे मार्ग से आवाजाही करने को कहा गया है.
उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावनाःउत्तराखंडमौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक, बारिश के मद्देनजर देहरादून, टिहरी, बागेश्वर नैनीताल जैसे जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी की गई. इनमें से कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है. कल यानी बुधवार को पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. लिहाजा, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
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कहीं फूटे झरने तो कहीं बही गाड़ियांःउत्तराखंड में मॉनसून की बौछार पड़ रही है. पहाड़ों में जगह-जगह झरने नजर आ रहे हैं तो बारिश की वजह से मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर है. कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई है. सबसे मनमोहक और खतरनाक नजारा केदारनाथ पैदल मार्ग पर देखने को मिला है. जहां पैदल मार्ग पर ऐसा झरना फूटा कि कुछ समय के लिए भक्तों के कदम भी रुक गए. हरिद्वार में तो गाड़ियां बहती नजर आईं.
केदारनाथ मार्ग पर नजर आएंगे खूबसूरत झरने
नदियों के तटबंध पर फोर्स तैनातःपहाड़ों में लगातार हो बारिश की वजह से तमाम नदियां मटमैली हो गई है. साथ ही उफान पर बह रही है. ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है तो वहीं टिहरी बांध में पानी का लेवल बढ़ने की वजह से बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसा ही हाल कुमाऊं में बहने वाली गौला नदी और सरयू नदी का भी है. जहां पर नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में तटबंध पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी लगातार नजर बनाए हुए हैं.
केदारनाथ पैदल मार्ग पर बह रहे झरने
बारिश ने रोकी थी केदारनाथ यात्राःबीते दिनों भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा रोक दी गई थी. बारिश का दौर कम हुआ तोफिर से केदारनाथ की यात्रा को शुरू किया गया. बारिश की वजह से तमाम नदी नाले और झरने एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं. केदारनाथ पैदल मार्ग पर मौसम ने अपना ऐसा रौद्र रूप दिखाया.
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जहां पैदल मार्ग पर कई फीट ऊंचाई से झरना गिरने लगा. शिव भक्त भी झरने में नहाते हुए अपने गंतव्यों की ओर बढ़े. यहां पर सुरक्षा दृष्टि से एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें तैनात की गई. ताकि, झरना का पानी बढ़ने पर कोई श्रद्धालु पार न करें. लिहाजा, श्रद्धालुओं को रोक रोक ही ऊपर भेजा जा रहा है. वहीं, केदारनाथ के रास्तों पर ऐसे कई झरने देखे जा सकते हैं.
बाड़वाला-जुड्डो मार्ग पर गिरा बोल्डर
बारिश ने सड़कों को पहुंचाया नुकसान, 51 जेसीबी की गई तैनातःबारिश का सबसे ज्यादा असर बिजली और सड़क पर देखा गया. उत्तराखंड में मानसून की पहली बारिश ने ही 3 स्टेट हाईवे समेत 40 से ज्यादा सड़कों पर अपना असर दिखाया. इन सड़कों को खोलने के लिए 51 जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है. जो लगातार सड़कों को खोलने का काम कर रही हैं. अभी भी कई सड़कें बाधित हैं. बारिश की वजह से सड़कें खराब हो गई. जलभराव से लेकर मलबा भर गया.
विकासनगर में भारी भरकम बोल्डर गिरने से सड़क बंद
CM धामी बोले- उत्तराखंड में मॉनसून बरपाता है कहर, एजेंसियां तैनातः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि तमाम एजेंसियों और सुरक्षाकर्मियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग एक दूसरे से कोऑर्डिनेट कर काम करें. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का इतिहास रहा है कि मॉनसून सीजन में आपदा जैसे हालात बन जाते हैं. पिछले सालों के अनुभवों के आधार पर प्लानिंग की जा रही है कि किसी तरह की कोई बड़ी घटना न हो. जब मौसम बिगड़ता है तो यात्रा रोकने और चलाने का अधिकार जिला प्रशासन को दिया गया है.