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आईआईटी बीएचयू की छात्रा से रेप के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उठ रहे कई सवाल, जानिए पूरा मामला - IIT BHU student

आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ गैंगरेप (BHU Girl Gang Rape Case) का मामला सामने आया था. पुलिस कई दिनों से आरोपियों की तलाश कर रही था. पुलिस ने रविवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2024, 12:30 PM IST

रेप के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उठ रहे कई सवाल

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सामूहिक दुराचार के मामले में कल पकड़े गए तीन आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक और सक्षम पटेल को पुलिस ने कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है. इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद अब बहुत से सवाल उठने लगे हैं. सवाल सबसे बड़ा तो यही है कि आखिर इतने दिनों तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पाई? इसके पीछे बड़ी वजह सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता होना बताई जा रहा है, हालांकि भाजपा सरकार में राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्पष्ट कर दिया कि आरोपी कोई भी हो उन पर कार्रवाई हो रही है. गिरफ्तारी हो चुकी है और जो भी एक्शन होगा और हर हाल में होगा. सीसीटीवी फुटेज से इनकी पहचान हो सकी और गिरफ्तारी भी संभव हुई.


पुलिस ने 5 नवंबर को ही कर ली थी पहचान :वाराणसी में एक नवंबर को आईआईटी की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने कल जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. वह बीजेपी आईटी सेल से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. कुणाल पांडेय भाजपा आईटी सेल वाराणसी का महानगर संयोजक है, जबकि सक्षम पटेल बीजेपी आईटी सेल का वाराणसी महानगर सहसंयोजक है, जबकि आनंद भी आईटी सेल वाराणसी महानगर कार्य समिति का सदस्य है. इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष भी काफी हमलावर है. लगातार अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सोशल मीडिया पर बीजेपी को घेरने में लगे हुए हैं. इन सब के बीच गैंगरेप के इन तीनों आरोपियों की पहचान वाराणसी पुलिस ने 6 किलोमीटर एरिया में 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज देखकर 5 नवंबर को ही कर ली थी और 8 नवंबर को सीसीटीवी फुटेज पीड़िता को दिखाकर इसकी पुष्टि भी कर ली गई थी, लेकिन उसके बाद उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकीं? यह सवाल अपने आप में बड़ा है, हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारियों ने पूरी तरह से मीडिया से दूरी बना ली है. कोई भी अधिकारी इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.




मेले में हुई थी तीनों की पहचान :फिलहाल पुलिस सूत्रों का कहना है कि काशी के एक लक्खा मेला में इन लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई है. जिस दिन घटना हुई उस दिन काशी की नक्ककटैया लक्खा मेले के आयोजन था. जहां पर यह तीनों मौजूद थे. यहीं पर निकलने के बाद इन तीनों ने जमकर शराब पी और उसके बाद बीएचयू हैदराबाद गेट से बाहर निकलते हुए सीसीटीवी कैमरे में ट्रेस हो गए. नाइट विजन का कैमरा ना होने की वजह से फुटेज साफ नहीं था. बीएचयू मुख्य द्वार पर सिंह द्वारा के पास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया गया, जिसमें बुलेट से यह ट्रिपलिंग करके रात 1:00 बजे कैंपस में जाते दिखाई दिए. इसके बाद 1:00 बजे कैंपस के अंदर बुलेट पर इन लोगों की एंट्री के बाद भी कई सीसीटीवी फुटेज में मूवमेंट नजर आया. इसके आगे के फुटेज को चेक करने पर बुलेट का पहला लोकेशन चेतगंज में नक्ककटैया के दौरान देखने को मिला. इसके बाद ही पुलिस ने उनकी शिनाख्त कर ली थी और छात्र ने भी स्पष्ट कर लिया था कि यह तीनों वही हैं, जिसने उसके साथ गलत हरकत की है, लेकिन पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार करने में 2 महीने से ज्यादा का वक्त लगा दिया. फिलहाल रविवार की देर रात इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिसके बाद इन्हें जेल भेज दिया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के दौरान आरोपियों का चेहरा सफेद कपड़े से ढका गया था.

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