बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी नई दिल्ली:महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचलों का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखने को मिल रहा है. सत्ता पक्ष अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और बीजेपी पर हमला कर रही है. जेडीयू के नेता कह रहे हैं कि बीजेपी अपनी सहयोगी पार्टियों को खत्म करना चाहती है. वहीं सुशील मोदी के बयान से कहीं ना कहीं नीतीश कुमार की चिंता जरूर बढ़ सकती है.
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'जेडीयू में भगदड़ की स्थिति' :बीजेपी नेता ने कहा कि, आज की स्थिति में 8 से 10 सीट से ज्यादा मिलने की गुंजाइश नहीं है. जो सांसद है उन्हें लगता है कि उनका भविष्य क्या होगा? नीतीश कुमार के बाद जेडीयू का कोई भविष्य नहीं है. सारे लोग अपना भविष्य अंधार में देख रहे हैं. इसलिए पार्टी में भगदड़ की स्थिति है. सांसद और विधायक दूसरे दलों के संपर्क कर रहे है.
क्या महाराष्ट्र के बाद अब बिहार की बारी? : इस सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि, बिहार में बगावत की स्थिति बन रही है. नीतीश कुमार ने पिछले 17 सालों में कभी भी सांसदों और विधायकों को मिलने के लिए एक मिनट का वक्त नहीं दिया. साल भर लोगों को उनसे मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता था. अब वो प्रत्येक सांसद और विधायक को आधा घंटा दे रहे हैं.
''जब से नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को अगली लड़ाई (2024 लोकसभा चुनाव) के लिए नेता स्वीकार कर लिया और तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी बना दिया. तब से जेडीयू में विद्रोह की स्थिति है. कोई भी जेडीयू का विधायक या सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करने के लिए तैयार है और न ही तेजस्वी यादव को. सांसदों को मालूम है कि उनका टिकट कटने वाला है. पिछले बार 17 मिली थी. क्या इस बार जेडीयू को 17 सीट मिलेगी?.'' -सुशील कुमार मोदी, बीजेपी सांसद
'BJP के संपर्क में हैं कई विधायक और सांसद': सुशील मोदी ने आगे कहा नीतीश कुमार अगर फैसला लेते है कि उत्तराधिकारी तेजस्वी नहीं होंगे तो पार्टी बचेगी, नहीं तो पार्टी टूट जाएगी. उन्होंने तो यहां तक फैसला कर लिया है कि जेडीयू का आरजेडी में विलय कर लेंगे. इस वक्त जो खलबली मची है, उससे नीतीश घबराएं हुए है. आनेवाले दिनों में कुछ भी हो सकता है. बड़ी संख्या में लोग हमारे भी संपर्क में है.
क्या NDA में नीतीश का स्वागत करेंगे?: बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमित शाह ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि नीतीश कुमार को हम स्वीकार नहीं करेंगे. वो बीजेपी के दरवाजे पर नाक भी रगड़ेंगे तो तब भी हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. बहुत हो गया आपको 17 साल हम लोगो ने ढोया, अब नहीं.
ललन सिंह को सुशील मोदी का जवाब : सुशील मोदी ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के आरोपों पर कहा कि, ललन सिंह के किसी भी बात का जवाब नहीं दूंगा. वो अपनी पार्टी. विधायकों, सांसदों को बचाएं. ललन सिंह बीजेपी की चिंता न करें. बीजेपी ऑल इंडिया पार्टी है. जेडीयू में सबसे ज्यादा नाराजगी ललन सिंह को लेकर है. यहीं ललन सिंह है, जिन्होंने लालू से हाथ मिला लिया. पहले लालू के खिलाफ बयान दिया करते थे, आज उन्हीं के साथ है.
'क्या होगा कहना मुश्किल है':सुशील मोदी ने आगे कहा कि, लोगों को यह भी गुस्सा है कि आप चुनाव लड़े बीजेपी के साथ मिलकर, बिहार के अंदर एक नेचुरल अलायंस था. लेकिन आपने धोखा दे दिया. विधायकों को बिना विश्वास में लिए आपने गठबंधन तोड़ दिया. जिनके खिलाफ नीतीश जिंदगी भर लड़ते रहे, उसी पार्टी से हाथ मिला लिया. इसलिए जो असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वैसे हालात में क्या होगा कहना मुश्किल है.
''बिहार में भी बगावत की स्थिति बन रही है क्योंकि नीतीश कुमार ने पिछले 17 सालों में कभी भी विधायकों और सांसदों को मिलने का समय नहीं दिया. लोगों को साल भर इंतजार करना पड़ता था. अब वो प्रत्येक विधायक और सांसद को 30 मिनट दे रहे हैं. जब से नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को अगली लड़ाई के लिए नेता स्वीकार कर लिया और तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी बना दिया तभी से जनता दल में विद्रोह की स्थितिहै.'' - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
महाराष्ट्र में क्या हुआ:दरअसल एनसीपी नेता अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके रविवार को शिंदे-फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए हैं. इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो फाड़ हो गई है. अजित पवार को 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है.