लखनऊःउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं. उन्होंने बिना मान्यता के चल रहे कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है. मुख्यमंत्री का कहना है कि ये छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में ऐसे कुछ बोर्ड सामने आए हैं जो बच्चों को फर्जी अंक तालिका दे रहे हैं. 15 से 20 हजार रुपए लेकर ये गांव-देहात के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. फर्जी बोर्ड का मामला माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से लगातार उठाया जा रहा है. चलिए जानते हैं संघ की ओर से किन फर्जी बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद, प्रयागराज :इस बोर्ड का संचालन करीब 2017 से किया जा रहा है. पहले यह लखनऊ के मानस विहार इलाके से संचालित होता था. 2018 में इसके संचालक आरके गौड़ की एसटीएफ टीम ने गिरफ्तारी भी की लेकिन कुछ महीनों के बाद वह छूट गया. इस समय यह बोर्ड प्रयागराज के शांतिपुरम फाफामऊ इलाके से चल रहा है. यह पूरा रैकेट www.upsosb.ac.in नाम की वेबसाइट के माध्यम से चल रहा है. इसी से मिलती जुलती नाम की कुछ और वेबसाइट भी हैं जो इस बोर्ड के नाम पर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट से लेकर वोकेशनल एजुकेशन की डिग्री बांट रही हैं.
बोर्ड ऑफ हायर सेकंडरी एजुकेशन, नई दिल्ली :इस बोर्ड की शुरुआत नई दिल्ली से हुई लेकिन उत्तर प्रदेश के शिक्षा माफिया इसे लखनऊ ले आए. लखनऊ के पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने 2012-13 में इस फर्जी बोर्ड के संचालन का खुलासा किया था. खुलासे के बाद से इनका रैकेट सरकार, विभाग और जनता के सामने आया तब से लगातार इसे बंद कराने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन शिक्षा माफियाओं की मदद से बार-बार नई-नई जगहों से इस फर्जी बोर्ड के नाम पर डिग्रियां और मार्कशीट बेची जा रही हैं. इस बोर्ड से जुड़े शिक्षा माफिया अपने धंधे को bhsedelhi.org और इससे मिलती जुलती वेबसाइट के नाम से चला रहे हैं. यह रैकेट पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है. फिलहाल bhsedelhi.org वेबसाइट पर इसका पता लखनऊ के खदरा में दिखाया गया है.