बिहार में भीषण गर्मी से हाहाकार, तीन दिन में 68 की मौत भोजपुर:पूरे बिहार में भीषण गर्मीके कारण कोरोना जैसे हालात बन गए हैंं. पिछले 72 घंटों में 70 के करीब लोगों की गर्मी के कारण मौत हो चुकी है. वहीं कई जिलों में प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 लागू कर दी है, ताकि लोग बेवजह घरों से न निकले और शिक्षण संस्थानों, स्कूलों में दिन के समय भीड़ न जुटे. अगर बात आरा की करें तों यहां भीषण गर्मी और लू का आम लोगों के जन जीवन पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. बढ़ते तापमान की वजह से भोजपुर जिले में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है. यहां दो दिन के अंदर 30 लोगों की जान जा चुकी है.
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आरा में 30 लोगों की लू से मौत: आरा में 24 घंटे के अंदर लू लगने से मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गजराजगंज ओपी में तैनात एक सैप जवान सहित 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहीं पटना के एनएएमसीएच में सिर्फ रविवार को छह लोगों की मौत हुई है. वहीं तीन दिन में 26 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं. कई जिलों में भी वार्म नाइट का अलर्ट जारी किया गया है. अभी दो दिनों तक ऐसी ही स्थिति रहने के आसार है.
सदर अस्पताल में लू से पीड़ित मरीजों की भीड़: सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में अधिकतर को हाई फीवर, उल्टी, दस्त, बेहोशी और दम फूलने के साथ ब्लडप्रेशर जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. लू लगने से ज्यादातर बुजुर्ग और बच्चे बीमार हो रहे हैं. जिन्हें चिकित्सक घर में रहने की सलाह दे रहे हैं. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ ऋषि ने बताया कि कल से लेकर आज उनके ड्यूटी टाइम में तकरीबन 40 से 50 मरीज हिट स्ट्रोक के आएं. वहीं लू लगने से करीब 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
"कल से लेकर आज उनके ड्यूटी टाइम में तकरीबन 40 से 50 मरीज हिट स्ट्रोक के आएं. वहीं लू लगने से करीब 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है"-डॉ ऋषि,चिकित्सक सदर अस्पताल
गंभीर मरीज पटना रेफर: सदर अस्पताल में कई लोग ऐसे भी थे जिनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना भी रेफर किया गया है. वहीं गर्म हवा के थपेड़ों की वजह से लोग अब घरों से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहें हैं. शहर से लेकर गांव तक माहौल कुछ ऐसा ही है. सुबह होते ही आसमान आग बरसने लगती है और गर्म हवाएं चलनी शुरू हो जा रही है. जैसे जैसे दिन चढ़ता है, पारा भी बढ़ने लगता है. सुबह 10 बजे के बाद सड़कें वीरान नजर आ रही है. खासकर दैनिक मजदरों पर इसका खासा असर पड़ रहा है.
दैनिक मजदूरों के लिए समय कठिन: दैनिक मजदूरों के लिए काम करना काफी कठिन हो गया है. जान बचाने की खातिर मजदूर पेड़ की छांव का सहारा ले रहे हैं या फिर काम काज छोड़ अपने घर में रहना ही बेहतर समझ रहे हैं. भेलडुमरा गांव निवासी धर्मपाल सिंह की माने तो जिस तरह से प्रचंड गर्मी पड़ रही है, उससे जान पर बन आई है. गर्मी और लू का काम धाम पर भी काफी असर पड़ा है. गर्मी से राहत के लिए पेड़ की छांव में बैठकर किसी तरह समय बिता रहे धर्मपाल ने बताया कि उमस भरी गर्मी और लू में बिजली भी साथ नहीं दे रही है.