देहरादूनःउत्तराखंड का बड़ा हिस्सा चीन और नेपाल की सीमा से लगा हुआ है. उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ जिले जहां चीन की सीमा से लगते हैं तो वहीं चंपावत, उधम सिंह नगर के अलावा पिथौरागढ़ जिले की सीमा नेपाल से लगते हैं. ऐसे में सामरिक दृष्टि से ये जिले बेहद महत्वपूर्ण हैं. खासकर चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले काफी अहम हैं. यहां सहरद पर हर समय भारतीय सेना की टुकड़ी मौजूद रहती है. जहां पहुंचने के लिए कई पुलों को पार करना पड़ता है. कई मर्तबा ये पुल धाराशायी हो जाते हैं. जिस वजह से सेना समेत सीमांत गांवों का संपर्क कट जाता है. ऐसे हालात कई बार पैदा हो चुके हैं.
बेहद महत्वपूर्ण हैं ये पुलःभारत चीन सीमा पर कई पोस्ट हैं, जहां जवान हर वक्त चौकन्ना रहकर देश की सुरक्षा करते हैं. जिसमें नीति, माणा समेत मलारी बॉर्डर भी शामिल हैं. यहां पहुंचने के लिए बीआरओ ने बैली ब्रिज से लेकर अन्य पुल बनाए हैं. जिनसे होकर सेना के कैंप तक रसद, हथियार समेत जरूरी सामग्री पहुंचाया जाता है, लेकिन कई बार पुल टूटने की वजह से यह क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों से कट जाता है. ताजा मामला नीति बॉर्डर क्षेत्र का है. जहां जोशीमठ-मलारी-नीति मार्ग पर बुरांस के पास बैली ब्रिज धराशायी होकर टूट गया.
जिस वक्त यह पुल टूटा, उस वक्त ट्रक गुजर रहा था. जैसे ही हादसा हुआ, ट्रक चालक नदी में कूद गया. जिससे उसे गंभीर चोटें आई हैं, उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस पुल के माध्यम से ही सेना अपने महत्वपूर्ण सामान और रसद सामग्री रोजाना लेकर जाती है. यह पुल इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, यही एकमात्र पुल है, जो नीति बॉर्डर को जोड़ती है. इस पुल के टूटने से सीमांत 7 गांवों का संपर्क भी कट गया.
सीमांत सड़कों और पुलों की देखरेख का जिम्मा बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के हाथों में है. पुल टूटने के बाद ही बीआरओ के अधिकारियों और इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंच गई. अंधेरा हो जाने की वजह से इस ऑपरेशन को रोकना पड़ा. अब बीआरओ के कमांडेंट कर्नल अंकुर महाराज की देखरेख में फिलहाल, इस पुल की मरम्मत समेत अन्य वैकल्पिक पुल बनाने का काम शुरू हो गया है. इसके अलावा पुल हादसे की जांच भी की जा रही है. जिससे पता चलेगा कि इतना मजबूत कैसे धराशायी हो गया? बरहाल, सभी पहलुओं पर बीआरओ की टीम जांच करेगी.
पिथौरागढ़ में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले पुल टूट चुकेः इसी तरह का पुल हादसा बीते साल 2022 में पिथौरागढ़ के धारचूला में देखने का मिला था. जहां चीन सीमा को जोड़ने वाला 180 फीट लंबा पुल अचानक बीच से टूट गया था. इस हादसे में चालक और परिचालक घायल हो गए थे. यह हादसा पिथौरागढ़ के आदि कैलाश मार्ग पर हुआ था. इससे पहले साल 2020 में जनवरी महीने में भारत चीन को जोड़ने वाला तवाघाट पुल टूटा था. उस वक्त मालपा से आगे सड़क कटिंग के लिए पोकलैंड मशीन लेकर जा रहा एक ट्राला गुजर रहा था. तभी पुल गिर गया. जिसमें ट्राला चालक और पोकलैंड मशीन ऑपरेटर घायल हो गए थे.