लखनऊ:जहां कभी जीत नसीब न हुई, वहां जीते तो जिससे उम्मीद थी उसने नाउम्मीद किया. वहीं, जिन पर भरोसा न था वो विजयी तिलक लगाए मुस्कुराते दिखे और कई सूरमा वोटों की आंधी में साफ हो गए. अबकी उत्तर प्रदेश की चुनावी परिणाम ने सबको चौंकाया ही नहीं, बल्कि उन सियासतदारों को यह संदेश देने का भी काम किया, जो आज तक जातीय समीकरण के बूते सत्ता की गणित लगाते आ रहे थे. लेकिन अबकी इस परिणाम ने स्पष्ट कर दिया कि काम करो फिर फल की कमान जायज है, वरना हवाई दावे और वादे इसी तरह हवा में उड़ जाएंगे. वहीं, अबकी यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम में कई दिग्गज उम्मीद के विपरीत मैदान में चित पड़े नजर आए. हारने वालों में बड़े-बड़े सियासी सूरमाओं से लेकर दलबदलू तक शामिल थे. सियासी बदलाव के कयास तो थे, लेकिन बड़े चेहरे ऐसे हारे कि विश्वास करना तक मुश्किल हो गया.
योगी कैबिनेट में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हो गए थे. भाजपा तो सत्ता में लौट आई, लेकिन खुद को नेवला बताने वाले मौर्य की फाजिलनगर में करारी हार हुई. उन्हें भाजपा के सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने पराजित किया. वहीं, भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए धर्म सिंह सैनी भी शिकस्त खा गए तो करहल से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को हरा कर सीट पर कब्जा कर लिया. पश्चिम यूपी की अहम सीटों में से एक मेरठ की सरधना सीट के परिणाम ने भी सबको चौंकाने का काम किया. यहां से भाजपा के संगीत सोम को सपा के अतुल प्रधान ने करीब 13,552 मतों से पराजित कर इस सीट पर कब्जा कर लिया.
वहीं, इलाहाबाद दक्षिण सीट से सपा के रईस चंद्र शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के नंद गोपाल गुप्ता 'नदी' ने उन्हें मात दी तो सिराथू सीट से चुनावी मैदान में उतरे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी पराजय का मुंह देखना पड़ा और उन्हें सपा गठबंधन प्रत्यशी पल्लवी पटेल ने 7337 वोटों से हरा इस सीट पर कब्जा कर लिया. इनके अलावा टीईटी पेपर लीक में घिरे भाजपा के सतीश द्विवेदी सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से नहीं जीत पाए तो कैराना में भी भाजपा को हार मिली, यहां सपा के नाहिद हसन ने भाजपा की मृगांका सिंह को पराजित कर इस सीट पर कब्जा कर लिया. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू भी अबकी चुनाव हार गए.
इधर, पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे व गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी को भी पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके अलावा चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना जेवर से चुनावी मैदान में थे, जहां उन्हें भाजपा के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. वहीं, बलिया के सुरेंद्र सिंह बैरिया सीट से टिकट न मिलने पर वीआईपी पार्टी से चुनावी मैदान में थे, जहां उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा तो कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं सुप्रिया ऐरन भी बरेली कैंट से हार गईं.
इन सीटों पर पहली बार खिला कमल