दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

26/11 आतंकी हमले के दौरान दिलेरी दिखाने वाले नागराले के नाम कई उपलब्धियां - कुछ प्रमुख परियोजनाएं

हेमंत नागराले को परमबीर सिंह की जगह मुंबई पुलिस का प्रमुख बनाया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को इसकी घोषणा की. हेमंत नागराले 1987 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. मुंबई में आतंकी हमले को दौरान भी नागराले ने अपनी दिलेरी से सैकड़ों लोगों की जान बचाई.

many
many

By

Published : Mar 17, 2021, 6:40 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 8:04 PM IST

मुंबई :आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले ने चंद्रपुर जिले में स्थित भद्रवती स्कूल से छठी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की. बाद में वे नागपुर चले गए, जहां उन्होंने पटवर्धन हाईस्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. नागराले ने वीआरसीई नागपुर (अब वीएनआईटी) से बीई (मैकेनिकल) की डिग्री ली है और मास्टर ऑफ फाइनेंस मैनेजमेंट (जेबीआईएमएस, मुंबई) में स्नातकोत्तर किया है.

हेमंत नागराले को राष्ट्रपति पुलिस सेवा पदक, विशेष सेवा पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक जैसे कई पुरस्कार मिले हैं. एक आईपीएस अधिकारी के रूप में उनका पहला कार्यभार (1989-92) नक्सल प्रभावित चंद्रपुर जिले में राजपुरा के एएसपी के रूप में था. उन्हें 1992 से1994 तक सोलापुर में डीसीपी के रूप में नियुक्त किया गया था और सोलापुर के नए आयुक्तालय के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 1992 में सोलापुर शहर में बाबरी मस्जिद सांप्रदायिक दंगों के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उनकी बहुत सराहना की गई थी.

नागराले की अन्य उपलब्धियां

1994-996 में एसपी रत्नागिरी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दाभोल पावर कॉर्पोरेशन से संबंधित भूमि अधिग्रहण मामले को संभाला. जब वे एसपी सीआईडी अपराध शाखा (1996-1998) रहे, तब उन्होंने एमपीएससी पेपर लीक मामले की जांच की जो कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में फैला हुआ था. नागराले को कुख्यात अंजनबाई गावित चाइल्ड अपहरण और हत्या के मामले को सुलझाने के लिए भी जाना जाता है. यह मामला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मृत्युदंड के बाद समाप्त हुआ.

बड़े मामलों को संभालने में दक्ष

इसके अलावा हेमंत नागराले ने सीबीआई (मार्च 1998-सितंबर 2002) को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. उन्हें एसपी बैंकिंग और धोखाधड़ी, सीबीआई मुंबई और बाद में डीआईजी सीबीआई, नई दिल्ली के रूप में भी तैनात किया गया था. सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने केतन पारेख घोटाला, माधोपुर को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला (1,800 करोड़ रुपये) और हर्षद मेहता घोटाला मामले में बैंक ऑफ इंडिया के 130 करोड़ रुपये के मामले सहित कई मामलों की जांच की और निगरानी पूरी की.

कई बार मिली है सराहना

उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा निर्देशित तेलगी स्टांप पेपर घोटाले की जांच के लिए डीजीपी एसआईटी के रूप में नियुक्त किया गया था. जिसमें विस्तृत अनुसंधान और मिलान जांच की गहराई के लिए उनकी सराहना की गई. 2007 से 2008 तक उन्हें अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पूर्व) मुंबई के रूप में नियुक्त किया गया और संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक अशांति को संभाला. विशेष आईजीपी और निदेशक सतर्कता और सुरक्षा (2008-2010) के कार्यकाल में उन्होंने बेहतर प्रवर्तन और बिजली चोरी के मामलों में कमी के कारण राजस्व में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.

मुंबई आतंकी हमले के दौरान भूमिका

26 नवंबर 2008 को जब मुंबई ने एक घातक आतंकी हमले का सामना किया तो भी हेमंत नागराले जो कि MSEDCL में प्रतिनियुक्ति पर थे, ने अपने आवास से बाहर निकलकर घायलों और मृतकों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाने में मदद की. उस समय नागराले ने आरडीएक्स भरे एक बैग को देखा और निरीक्षण के बाद बम निरोधक दस्ते को सूचित करने से पहले उसे सुरक्षित स्थान पर ले गए. नागराले ने चार पुलिसकर्मियों के साथ ताज होटल में प्रवेश किया और कई घायल और मृत व्यक्तियों को निकालने में मदद की. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया और कर्मचारियों की मदद से नागराले ने होटल ताज के शॉपिंग प्लाजा के अंदर फंसे सैकड़ों लोगों को बचाया.

कुछ प्रमुख परियोजनाएं

महानिदेशक कार्यालय में विशेष आईजीपी (प्रशासन) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने MPKAY योजना (महाराष्ट्र पुलिस की स्वास्थ्य योजना) को फिर से चालू किया. साथ ही इसे और अधिक प्रभावी बनाया. उन्होंने MHA के साथ समन्वय किया और CSD कैंटीन के बराबर में केंद्रीय पुलिस कैंटीन योजना को सफलतापूर्वक निष्पादित किया. इसने पूरे महाराष्ट्र में 40 केंद्रीय पुलिस कैंटीन स्थापित किए. मुंबई में संयुक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आवासीय क्वार्टर आवंटन नीति का मसौदा तैयार किया. जिससे मुंबई शहर के लिए तिमाही आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई, जिसे कांस्टेबुलरी द्वारा बहुत सराहा गया.

सफलतापूर्वक निभाई जिम्मेदारियां

2014 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए नागराले ने मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाला. उन्होंने रास्ता रोको आंदोलन को आसानी से प्रबंधित किया और तत्कालीन गृह मंत्री द्वारा इसकी सराहना की गई. मई 2016 से जुलाई 2018 तक नागराले को नवी मुंबई में पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात किया गया था.

यह भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव-2019 के बाद से अब तक 13 सांसद हो चुके हैं दिवंगत

उन्होंने नवी मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन को संभाला. उन्हें अक्टूबर 2018 से डीजी रैंक तक का दर्जा दिया गया और महाराष्ट्र में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरीज की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया.

Last Updated : Mar 17, 2021, 8:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details