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मनी मार्केट में निवेश के हैं कई विकल्प, जानिए अपना पैसा कहां लगाएं ? - गोल्ड ईटीएफ

मनी मार्केट में फाइनैंशल इंस्ट्रूमेंट से जुड़ी पेचीदगियां और डिस्क्लेमर उन लोगों के लिए भारी पड़ सकते हैं, जो निवेश करना चाहते हैं. फाइनैंशियल एक्सपर्ट तुम्मा भारद्वाज के अनुसार, व्यक्तिगत अनुशासन और निवेश करते समय प्राथमिकता से धन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

personal investment strategies
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Published : Dec 22, 2021, 2:04 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 6:55 PM IST

हैदराबाद: लोग अक्सर शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और मनी मार्केट में उपलब्ध विभिन्न आकर्षक वित्तीय साधनों में निवेश करने के इच्छुक होते हैं. कई लोग निवेश तो करना चाहते हैं मगर मार्केट में उपलब्ध ऑप्शन को लेकर आश्वस्त नहीं होते. उन्हें रिटर्न-ऑन-इन्वेस्टमेंट (आरओआई) के बारे में पता नहीं होता है. रिटेल इन्वेस्टर सत्यम कहते हैं कि मैं शेयर बाजार में 15,000 रुपये तक का निवेश करना चाहता हूं, कौन सा बेहतर विकल्प होगा? वह पूछते हैं कि क्या यह स्टॉक या म्यूचुअल फंड है? फाइनैंशियल एक्सपर्ट तुम्मा भारद्वाज सलाह देते हैं कि खुदरा निवेशकों को इक्विटी-बेस्ड मनी मार्केट (equity based money market) में हेयरिकल इन्वेस्टमेंट अप्रोच का पालन करना चाहिए.

भारद्वाज के अनुसार, इसे सिस्टमैटिक 'इक्विटी प्लान' कहा जाता है. मगर इन्वेस्ट के इस ऑप्शन को तभी चुनें, जब आप कम से कम सात साल तक निवेश कर सकें. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की अच्छी समझ हैं, शेयर को चुनने की क्षमता है और मार्केट को आप हमेशा नजर रखते हैं तभी आप निवेश के लिए सिस्टमैटिक 'इक्विटी प्लान' का चुनाव करें. तुम्मा भारद्वाज का मानना है कि एक वैकल्पिक रणनीति के रूप में, म्यूचुअल फंड में निवेश करना और कई पोर्टफोलियो का रहना सबसे अच्छा है. शेयरों में सीधे निवेश करने पर जोखिम अधिक होता है.

46 वर्षीय कुमार प्रति महीने 45 हजार रुपये कमाते हैं. वह जानना चाहता है कि क्या एक करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी खरीदना सही कदम है. इस मामले में एक्सपर्ट की सलाह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीमा पॉलिसी उनके सभी दायित्वों को कवर करे. इंश्योरेंस आमतौर पर 65 वर्ष की आयु तक के लिए पर्याप्त होता है. उन्हें अपनी जरूरतों के आधार पर, उसे निर्णय लेना चाहिए.

एक्सपर्ट मानते हैं कि शेयर मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्ट करने से बेहतर है म्यूचुअल फंड में निवेश करना. इसमें नुकसान का जोखिम कम होता है.

एक गृहिणी माधवी अपनी भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी 14 वर्षीय बेटी के लिए 25,000 रुपये का निवेश करना चाहती है. फाइनैंशियल एक्सपर्ट भारद्वाज की सलाह के अनुसार माधवी को सही कीमत पर एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदनी चाहिए. वह उन लोगों के लिए टर्म पॉलिसी का भी सुझाव देते हैं, जिनकी जरूरतें माधवी जैसी हैं. इसके बाद 25000 रुपये में बची हुई रकम को बैलैंस्ड एडवांटेज एंड हाईब्रिड इक्विटी फंडस (Balanced Advantage and Hybrid Equity Funds) में निवेश किया जा सकता है.

प्रदीप गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs ) में छह साल की लॉक-इन अवधि के लिए दो लाख रुपये इन्वेस्ट करना चाहते हैं. प्रदीप जानना चाहते हैं कि निवेश की इस अवधि में 8 लाख रुपये का ग्रोथ होगा? एक्सपर्ट तुम्मा भारद्वाज गोल्ड ईटीएफ में इस तरह के हाई रिटर्न की संभावना से इनकार करते हैं. गोल्ड ईटीएफ में दो लाख रुपये को आठ लाख रुपये में बदलना आसान नहीं है. इसके लिए लगभग 26% रिटर्न प्राप्त करना होगा, जो मुमकिन नहीं हैं. इसमें लगभग 8-13% के रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. उनका कहना है कि यदि आप इसमें निवेश से सोना ही खरीदना चाहते हैं तभी गोल्ड ईटीएफ में पैसा लगाएं. यदि आपको नुकसान की परवाह नहीं है, तो कई इक्विटी फंड में निवेश करें. इक्विटी फंड से आप 12% की औसत वार्षिक रिटर्न के साथ कमाई की उम्मीद कर सकते हैं. इस हिसाब से दो लाख की रकम छह साल में 3,94,764 रुपये हो जाएगी.

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Last Updated : Dec 22, 2021, 6:55 PM IST

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