हैदराबाद: लोग अक्सर शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और मनी मार्केट में उपलब्ध विभिन्न आकर्षक वित्तीय साधनों में निवेश करने के इच्छुक होते हैं. कई लोग निवेश तो करना चाहते हैं मगर मार्केट में उपलब्ध ऑप्शन को लेकर आश्वस्त नहीं होते. उन्हें रिटर्न-ऑन-इन्वेस्टमेंट (आरओआई) के बारे में पता नहीं होता है. रिटेल इन्वेस्टर सत्यम कहते हैं कि मैं शेयर बाजार में 15,000 रुपये तक का निवेश करना चाहता हूं, कौन सा बेहतर विकल्प होगा? वह पूछते हैं कि क्या यह स्टॉक या म्यूचुअल फंड है? फाइनैंशियल एक्सपर्ट तुम्मा भारद्वाज सलाह देते हैं कि खुदरा निवेशकों को इक्विटी-बेस्ड मनी मार्केट (equity based money market) में हेयरिकल इन्वेस्टमेंट अप्रोच का पालन करना चाहिए.
भारद्वाज के अनुसार, इसे सिस्टमैटिक 'इक्विटी प्लान' कहा जाता है. मगर इन्वेस्ट के इस ऑप्शन को तभी चुनें, जब आप कम से कम सात साल तक निवेश कर सकें. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की अच्छी समझ हैं, शेयर को चुनने की क्षमता है और मार्केट को आप हमेशा नजर रखते हैं तभी आप निवेश के लिए सिस्टमैटिक 'इक्विटी प्लान' का चुनाव करें. तुम्मा भारद्वाज का मानना है कि एक वैकल्पिक रणनीति के रूप में, म्यूचुअल फंड में निवेश करना और कई पोर्टफोलियो का रहना सबसे अच्छा है. शेयरों में सीधे निवेश करने पर जोखिम अधिक होता है.
46 वर्षीय कुमार प्रति महीने 45 हजार रुपये कमाते हैं. वह जानना चाहता है कि क्या एक करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी खरीदना सही कदम है. इस मामले में एक्सपर्ट की सलाह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीमा पॉलिसी उनके सभी दायित्वों को कवर करे. इंश्योरेंस आमतौर पर 65 वर्ष की आयु तक के लिए पर्याप्त होता है. उन्हें अपनी जरूरतों के आधार पर, उसे निर्णय लेना चाहिए.