बेतिया: इन दिनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अगर किसी एक कलाकार की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है तो वह फिल्म अभिनेता चंपारण के लाल फैमिली मैन मनोज बाजपेयी हैं. सोमवार की शाम अपने गांव बेलवा मनोज बाजपेयी पूरे परिवार के साथ पहुंचे. गांव पहुंचते ही मनोज बाजपेयी भावुक हो गए.
बेतिया अपने गांव पहुंचे मनोज बाजपेयी: फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि बेलवा की मिट्टी दुनिया के किसी कोने में रहे हमेशा खींचकर लाती है. हमेशा गांव को मिस करता हूं. गांव में जो सुकून मिलता है. वह सुकून का पल बिताना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.
माता-पिता को याद कर हुए भावुक: सोमवार की देर संध्या मनोज बाजपेयी घर आते ही सबसे पहले मां स्वर्गीय गीता देवी और पिता स्वर्गीय राधाकांत बाजपेयी को याद कर भावुक हुए. उन्होंने बताया कि मां थी तो सबसे पहले बोलती थी मनोज आ गइल... गले लगाती थी. आज मां की कमी खल रही है. मेरी पहचान बेलवा की मिट्टी से है.
गांव..खेत.. खलिहान हर जगह घूमते दिखे फैमिली मैन: मंगलवार की सुबह-सुबह फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी अपने गांव बेलवा में घूमने निकले. इस दौरान वह गांव के खेत और गांव घूमते दिखे. उन्हें देखने के लिए गांव के लोगों की भीड़ लग गई. गांव के लोग बोल रहे थे बबुआ आइल बड़न... हमारा गांव के हवन.. आज फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम बा. इस दौरान मनोज बाजपेयी ने लोगों का हाल-चाल लिया. धर्मपत्नी नेहा और बेटी अवा नायला भी मनोज बाजपेयी के साथ बेलवा पहुंचे.
'जब तक जीवन है गांव आना लगा रहेगा'- मनोज बाजपेयी: वहीं जब मनोज बाजपेयी से बेलवा आने के विशेष प्रयोजन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव मेरा है. जब तक जीवन है तब तक आना- जाना लगा रहेगा. उनके भाई भी बेलवा पहुंचे हैं. साथ में भितिहरवा आश्रम जीवन कौशल ट्रस्ट के अध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप सिंह व ट्रस्ट के सचिव शिक्षा विद ज्ञानदेवणी त्रिपाठी भी उपस्थित रहे.