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भारत ने अफगानिस्तान में गुरुद्वारे से धार्मिक ध्वज को हटाए जाने की निंदा की, सिरसा ने की यह मांग - मनजिंदर सिंह सिरसा

अफगानिस्तान के गुरुद्वारा थलला साहिब में तालिबान की ओर से निशान साहिब उतारने की घटना से सिख समाज में रोष है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से इस मामले में पहल करने की मांग की है.

सिरसा
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Published : Aug 6, 2021, 10:25 PM IST

नई दिल्ली:अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से गुरुद्वारे से निशान साहिब उतारने की घटना का दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने कड़ी निंदा की और भारत सरकार ने इस मामले में कारवाई करने की मांग करते हुए निशान साहिब तुरंत लगाए जाने की मांग की है.

अफगानिस्तान के गुरुद्वारा थलला साहिब में तालिबान की ओर से निशान साहिब उतारने की घटना से सिख समाज में रोष है. इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से पहल करने की मांग की है.

इस मामले में मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार से बात करके दोषियों पर कारवाई की जाय. साथ ही ये पवित्र स्थान, जो गुरुनानक देव जी का पवित्र स्थान है, उसको पहले की तरह ठीक कराके निशान साहिब स्थापित किया जाय. उन्होंने कहा कि सिख भाई काफी डरे हुए हैं, वहां के माहौल को देखते हुए कमिटी 500 परिवारों को लेकर आई.

मनजिंदर सिंह सिरसा का बयान

तालिबानियों की इस कायरता वाले कारनामे से देशभर के सिख समुदाय के लोगों में भारी नाराजगी है. उनके अनुसार किसी भी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार जल्द ही अफगान सरकार से बात करके गुरुद्वारे में लगे निशान साहिब को फिर से स्थापित करवाए.

वहीं भारत सरकार ने भी सिख धार्मिक ध्वज को कथित तौर पर हटाने की निंदा की है. सरकार ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास रहा है कि अफगानिस्तान का भविष्य ऐसा होना चाहिए, जहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित अफगान समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो.

एक सूत्र ने कहा, ‘हमने अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में गुरुद्वारा थाला साहिब, चमकनी की छत से सिख धार्मिक ध्वज निशान साहिब को हटाये जाने के बारे में मीडिया रिपोर्ट देखी है.'

सूत्रों ने कहा, 'भारत इस कृत्य की निंदा करता है और देश के दृढ़ विश्वास को दोहराते हैं कि अफगानिस्तान का भविष्य ऐसा होना चाहिए जहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित अफगान समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा की जाए.'

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अमेरिका द्वारा एक मई को देश से अपने सैनिकों की वापसी शुरू करने के बाद से तालिबान व्यापक हिंसा का सहारा लेकर पूरे अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अमेरिका पहले ही अपने अधिकांश सुरक्षा बलों को वापस बुला चुका है और 31 अगस्त तक सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को पूरा करना चाहता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत अफगानिस्तान में विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और वह तत्काल और व्यापक संघर्ष विराम का आह्वान करता रहा है.

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