नई दिल्ली : तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल एक वरिष्ठ महिला पत्रकार द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों से बरी होने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी और पहले कांग्रेस और अब शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चुतर्वेदी के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है.
यह जंग उस समय शुरू हुई, जब तरुण तेजपाल की तारीफ करते हुए मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे कॉलेज सीनियर, को बदनाम किया गया, राजनीतिक रूप से बेहद उत्पीड़ित किया गया. हालांकि अब वो सम्मानपूर्वक बरी हो गए हैं. प्रतिभाशाली और मेधावी तरुण तेजपाल ने अपनी नई किताब एनिमल फार्म का यह टीजर लिखा है. फिर से स्वागत है दोस्त.
तिवारी के इस बयान पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आज मुझे पता चला कि तरुण तेजपाल को सम्मानपूर्वक दोषमुक्त और राजनीतिक रूप से प्रताड़ित किया गया था. इस तरह के क्लब द्वारा एक महिला के यौन उत्पीड़न पर बकवास बताना, इससे उनकी बीमार मानसिकता की बू आती है, वो समझते हैं कि महिलाओं के आसपास वो जैसा चाहें वैसा व्यवहार कर सकते हैं और गंभीर अपराध पर हंस सकते हैं. यह शर्मनाक है.
प्रिंयंका के इस ट्वीट का जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि तुम्हारी तरह नहीं प्रियंका चतुर्वेदी, एक वकील के रूप में मुझे पता है कि किसी निर्णय को कैसे पढ़ना है और उसका सम्मान कैसे करना है. तरुण तेजपाल पर मुकदमा चलाया गया और जिसमें उन्हें निर्दोष पाया गया. गोवा सरकार इसके खिलाफ उच्च न्यायालय गई है. अगर आपको कोई समस्या है तो बताएं, आप भी मुंबई और गोवा उच्च न्यायालय जा सकती हैं.
इस पर शिव सेना नेत्री ने कहा कि तुम्हारी तरह नहीं मनीष तिवारी, सिर्फ एक वकील होने और निर्णय पढ़ने की क्षमता ही आपको आगे नहीं रखती है. यह एक फ्री प्लेटफॉर्म है, जहां मुझे अपनी राय रखने का उतना ही अधिकार है,