अहमदाबाद :दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया ने बुधवार को तीन अक्टूबर को होने वाले गांधीनगर महानगर पालिका (जीएमसी) चुनाव के लिए यहां रोड शो किया और पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की.
चुनाव प्रचार के लिए गुजरात की राजधानी गांधीनगर पहुंचे सिसोदिया ने दावा किया कि गांधीनगर के लोग बदलाव चाहते हैं और उनकी पार्टी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी तथा विपक्षी दल कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प बन कर उभरी है.
मनीष सिसोदिया ने गांधीनगर में किया रोड शो उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपने काम की ताकत के आधार पर वोट मांगते हैं, न कि जाति या धर्म के नाम पर. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले सात साल से आप पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि गांधीनगर के लोगों ने अतीत में कांग्रेस को मौका दिया था, लेकिन पार्टी ने लोगों के जनादेश का अपमान किया और भाजपा को महानगर पालिका पर कब्जा करने में सहायता की.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने कहा, 'अब गांधीनगर के लोग परिवर्तन चाहते हैं. ऐसा नहीं है कि भाजपा शुरू से यहां जीत रही है. अतीत में गांधीनगर के लोगों ने कांग्रेस को भी मौका दिया क्योंकि लोग भाजपा के शासन से खुश नहीं थे. लेकिन चूंकि कांग्रेस ही एक विकल्प था इसलिए लोगों ने बदलाव लाने के लिए उस पार्टी को वोट दिया.'
सिसोदिया ने कहा, 'लेकिन दुर्भाग्य से, कांग्रेस कमजोर रही. पार्टी ने लोगों के जनादेश को धोखा दिया और अंततः भाजपा को सत्ता हथियाने में उसकी सहायता की. लेकिन अब आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा दोनों का मजबूत विकल्प बनकर उभरी है. मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस चुनाव में जीतेंगे.'
सिसोदिया जीएमसी के 2016 में हुए चुनाव का हवाला दे रहे थे, जब कांग्रेस और भाजपा दोनों को 32 में से 16-16 सीटें मिली थीं. दोनों दलों को 'ड्रा ऑफ लॉट्स' के जरिये बोर्ड गठन करने का बराबरी का मौका मिला था, लेकिन अंत समय में कांग्रेस के पार्षद प्रवीण पटेल भाजपा में शामिल हो गए और निकाय संस्था में भाजपा को सत्ता में लाने में मदद की.
सिसोदिया ने दावा किया कि कांग्रेस का टिकट भाजपा कार्यालय में बैठकर तय किया जा रहा था.
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सिसोदिया ने कोरोना महामारी से मौतों को लेकर भाजपा पर हमला बोला और कहा कि भाजपा ने मौत के आंकड़े छिपाए, इससे उन्हें फायदा हो या न हो, लेकिन इससे लोगों को तकलीफ होती है. सरकार कहती है कि उसे मौतों की जानकारी नहीं है, यह सरकार की बेशर्मी है. सरकार को स्वीकार करना होगा कि कोरोना से बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं और इसकी जिम्मेदारी सरकार की बनती है.
(एजेंसी इनपुट)