नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के दो नए कॉलेजों का नाम वीर सावरकर (Veer Savarkar) और सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के नाम पर रखने का फैसला किया गया है. इस पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि कॉलेज का नाम किसी के नाम पर रख लीजिए बस बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिलनी चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय एक शानदार विश्वविद्यालय है यहां का अतीत भी बहुत अच्छा है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दो कॉलेजों का नाम बदलने का यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि परिषद ने तीन सदस्यों- सीमा दास, राजपाल सिंह पवार और अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की असहमति के बावजूद सहायक प्राध्यापक के चुनाव और नियुक्ति में प्रस्तावित बदलाव को मंजूरी दे दी गई.
डीयू के नए कॉलेज के नाम पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की अगस्त में हुई बैठक में फैसला किया गया. इन महाविद्यालयों या केंद्रों के नाम सुषमा स्वराज, स्वामी विवेकानंद, वीडी सावरकर और सरदार पटेल पर रखे जाएंगे. उन्होंने बताया कि परिषद ने अटल बिहारी वाजपेयी, सावित्री बाई फुले, अरुण जेटली, चौधरी ब्रह्म प्रकाश और सीडी देशमुख का नाम सुझाया था. परिषद ने नामों पर अंतिम फैसले के लिए कुलपति को अधिकृत किया था.
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वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का 06 अगस्त, 2019 में निधन हो गया था. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभाला था, लेकिन बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव से खुद को अलग रखा था. सुषमा दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थीं. उन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था.
भाजपा नेताओं के नाम पर नये कॉलेजों का नाम रखे जाने का विरोध
दिल्ली विश्वविद्यालय में बनने वाले कॉलेज और सुविधा केंद्र का नाम वीर सावरकर और पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के नाम पर रखने का फैसला किया गया है. वीर सावरकर के नाम पर कुछ छात्र संगठनों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने विरोध जताते हुए कहा कि वीर सावरकर के नाम पर विश्वविद्यालय के कॉलेज सेंटर का नाम रखना दुर्भाग्यपूर्ण है. छात्र संगठन SFI ने कहा कि वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज रखना सही नहीं है. वह अंग्रेजों के सामने नतमस्तक हो गए थे. साथ ही कहा कि उनका देश की आज़ादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं रहा है. सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए क़ुर्बानी दी है.
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देश को ऐसे वीरों को याद रखना चाहिए. डीयू प्रशासन वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज का नाम रखकर हिंदुत्व के विचारधारा को लोगों पर थोपना चाहते हैं. उनकी विचारधारा देश की विविधता में एकता के खिलाफ है. SFI ने नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखे जाने का विरोध जताया और कहा कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले को वापस नहीं लेता है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कॉलेज और केंद्र दक्षिणी दिल्ली के भाटी माइंस और नजफगढ़ के रोशनपुरा में बनने वाले हैं.