नई दिल्लीःदिल्ली शराब घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है. गुरुवार को तिहाड़ जेल में आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले ईडी ने 7 मार्च को छह घंटे तक की पूछताछ की थी. सिसोदिया अभी न्यायिक हिरासत में है. उन्हें 26 फरवरी को 9 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
वहीं ईडी द्वारा सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया- मनीष को पहले CBI ने गिरफ्तार किया। CBI को कोई सबूत नहीं मिला, रेड में कोई पैसा नहीं मिला. कल बेल पर सुनवाई है. कल मनीष छूट जाते, तो आज ED ने गिरफ्तार कर लिया. इनका एक ही मकसद है- मनीष को हर हालत में अंदर रखना. रोज नये फर्जी मामले बनाकर. जनता देख रही है. जनता जवाब देगी.
कल होनी है जमानत पर सुनवाईःसिसोदिया ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जहां उन्हें निचली अदालत में जाने का आदेश दिया था. इसके बाद उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी लगाई थी. जहां 10 मार्च को उनकी जमानत पर सुनवाई होगी. इससे पहले, कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
11 मार्च को के. कविता होंगी पेशः तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता से भी ईडी पूछताछ करनेवाली है. उनको 9 मार्च को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन उन्होंने अपनी व्यवस्तता बताकर समय की मांग की. अब बताया जा रहा है कि वह 11 मार्च को ईडी के पूछताछ का सामना करेंगी. कहा यह भी जा रहा है कि ईडी कविता से हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने बैठाकर पूछताछ करेगी.
सिसोदिया के वार्ड को लेकर आप भड़कीः सिसोदिया को जेल नंबर एक में रखा गया है, जिसको लेकर आप आपत्ति जता रही है. उनका आरोप है कि यहां पर गैंगस्टर्स को रखा जाता है और इसमें सिसोदिया की सुरक्षा को खतरा है. वहीं तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि सिसोदिया यहां पर पूरी तरह सुरक्षित हैं और यहां रह रहे कैदी जेल मैनुअल का पूरी तरह पालन करने वाले हैं.
क्या है शराब घोटाला केसःपहले दिल्ली में शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही कुछ जगहों पर खुली हुई दुकानों में इसकी बिक्री की जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत होती थी. केजरीवाल सरकार ने 2021 के नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों और दुकानदारों को दे दिया गया. सरकार का कहना था कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कम कीमत पर शराब खरीदे जाएंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी-विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिल सकेगी. लेकिन इसमें अनियमितता की शिकायत उपराज्यपाल तक पहुंची और उन्होंने सीबीआई जांच कराने की सिफारिश कर दी.
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