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मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने का दो महीने पुराना वीडियो वायरल, चार आरोपी गिरफ्तार, सीएम बोले- पुलिस ने तुरंत की कार्रवाई

मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है. इस घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. आरोप है कि भीड़ ने पुलिस सुरक्षा से छुड़ा कर 4 मई को महिलाओं की नग्न परेड करायी और उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 20, 2023, 7:44 AM IST

Updated : Jul 27, 2023, 11:03 AM IST

इंफाल : मणिपुर की कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न किए जाने का एक वीडियो बुधवार को वायरल होने लगा. इस मामले में मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई (32 साल) सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए, मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की. फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाए.

वहीं मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, मणिपुर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसमे घटनाओं के संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच की स्थिति, पीड़ित महिलाओं और अन्य घायल व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति के साथ-साथ पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए.

बता दें कि मणिपुर करीब दो महीने से हिंसा ग्रस्त है. जहां शांति व्यवस्था कायम करने के लिए केंद्रीय बलों और सेना की तैनाती की गई है. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद घटना की व्यापक रूप से निंदा हो रही है. मणिपुर की इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने आरोप लगाया कि घटना चार मई की है. आईटीएलएफ का आरोप है कि दोनों महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने के बाद धान के खेत में उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. आईटीएलएफ ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग है.

इस वीडियो पर पूरे राजनीतिक जगत में तीखी प्रतिक्रिया हुई. वीडियो के सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा. सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आदेश जारी कर दो मणिपुरी महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो को शेयर न करने का निर्देश दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि मामले की जांच अभी चल रही है इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य हो गया है.

पुलिस ने की घटना की पुष्टि :मणिपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि घटना 4 मई को थौबल जिले में हुई थी. इस मामले में 18 मई को कांगपोकपी जिले में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा कि अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित आरोपों पर एफआईआर दो महीने पहले ही दर्ज कर ली गई थी. लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. बुधवार शाम को शाम को एक प्रेस नोट में, मणिपुर के पुलिस अधीक्षक के मेघचंद्र सिंह ने कहा कि राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है :वीडियो में देखा जा सकता है कि दो महिलाओं (पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक जिनकी उम्र क्रमश: 40 और 20 साल है) को पुरुषों की भीड़ नग्न अवस्था में सड़क पर और खेत की ओर ले जा रही है. इसमें कुछ लोगों को महिलाओं को खेत की ओर खींचते और उनके साथ जबरदस्ती छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है. एफआईआर के मुताबिक, दोनों महिलायें कुकी-ज़ोमी प्रभुत्व वाले पहाड़ी जिले कांगपोकपी से हैं.

पीड़िताओं ने एफआईआर में बताया, क्या हुआ था घटना वाले दिन :यह घटना मैतेई बहुल घाटी जिले थौबल में हुई थी, पीड़ितों ने बाद में कांगपोकपी जिले के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. जहां एक शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई और मामला थौबल में संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया गया. उनकी शिकायत के अनुसार 50 साल की एक अन्य महिला भी थी जिसे भीड़ ने अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि छोटी महिला के साथ दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया.

800 से 1000 लोगों ने गांव पर किया हमला :अपनी शिकायत में, पीड़िताओं ने कहा है कि 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद, 800 से 1000 लोगों ने उनके गांव को घातक हथियारों ( एके राइफल्स, एसएलआर, इंसास, 303 राइफल्स) से उनके गांव पर हमला कर दिया. उन्होंने लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी. हमले के बाद उनके परिवार के पांच सदस्य तीन महिलाएं और एक पुरुष और एक किशोर लड़का शामिल थे जंगल की ओर भाग गये.

पुलिस पर हावी हुई भीड़, एक पुरुष और किशोर की हत्या के बाद, भीड़ ने लड़की के साथ किया बलात्कार :बाद में 4 मई को पुलिस उन्हें रेसक्यू कर के गांव वापस ला रही थी. उसी समय भीड़ ने रास्ते में उन्हें रोक लिया. थाने से करीब दो किलोमीटर दूर भीड़ पुलिस पर हावी हो गई. सबसे पहले उन्होंने 20 वर्षीय लड़की के पिता पर हमला किया. भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी. उसके बाद महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. नग्न अवस्था में महिलाओं को सड़क से खींच कर एक खेत की ओर ले जाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे छोटी 20 वर्षीय लड़की के साथ सबके सामने सामूहिक बलात्कार किया. इस दौरान विरोध करने पर लड़की के किशोर भाई की भी हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों महिलाएं निकटवर्ती पहाड़ी जिले तेंगनौपाल से भागने में सफल रहीं और फिलहाल राहत शिविरों में हैं.

चुराचांदपुर में पंजीकृत जनजातियों का एक समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने मांग की कि राज्य और केंद्र सरकारें, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग इस घटना का संज्ञान लें. उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

गवर्नर ने डीजीपी से मुलाकात की:मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य के कांगपोकपी जिले में हुई दुखद घटना में शामिल अपराधियों के लिए कठोरतम सजा की मांग की. उन्होंने कहा, "कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिमाकत न कर सके." राजभवन के एक सूत्र ने कहा कि राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह से मुलाकात की और कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना के बारे में पूछताछ की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. घटना की निंदा करते हुए, राज्यपाल ने डीजीपी को जघन्य अपराध में शामिल अपराधियों को पकड़ने और कानून के अनुसार कठोर से कठोर सजा देने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया. उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से जरूरत पड़ने पर पीड़ितों को विशेष सुरक्षा देने को भी कहा. राजभवन के एक बयान में कहा गया, "मैं इस घटना से बहुत आहत हूं, मेरा मन व्यथित है. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरे राज्य में ऐसी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. हमारी ऐसी संस्कृति नहीं है, महिलाओं का हमेशा सम्मान किया गया है. मुझे पीड़ितों और उनके परिवार के प्रति सहानुभूति है."

केंद्रीय मंत्री बोलीं- सीएम ने दिया आश्वासन, अपराधियों को मिलेगी सजा :वीडियो के वायरल होने के बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया कि मणिपुर से 2 महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और सर्वथा अमानवीय है. सीएम एन बीरेन सिंह जी से बात की, जिन्होंने मुझे सूचित किया है कि जांच अभी चल रही है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि अपराधियों को सजा दिलाने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जायेगी.

विपक्ष के नेताओं ने पीएम की चुप्पी पर उठाये सवाल, घटना को बताया अमानवीय और शर्मनाक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर ले गई है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा इस भयावह घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगी. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है. हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए. मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री क्यों आंखें मूंदकर बैठे हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?

आम आदमी पार्टी ने घटना की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया. ट्विटर पर लिखा कि राज्य और केंद्र सरकार की निष्क्रियता देश के सभी नागरिकों के लिए दर्दनाक है. हम फिर से प्रधानमंत्री से मणिपुर में हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. समस्या की ओर से आंखें मूंद लेने से समस्या दूर नहीं होगी. आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार की किसी भी तरीके से सहायता करने के लिए तैयार और इच्छुक है.

शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि मणिपुर में चल रही हिंसा और जातीयता आधारित हिंसक वारदातों पर यह चुप्पी बिल्कुल शर्मनाक है. प्रधानमंत्री ने बात नहीं की, क्या डब्ल्यूसीडी मंत्री करेंगे? टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) सुप्रीमो प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन सहित कई राजनीतिक नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की और सख्त कार्रवाई की मांग की है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Jul 27, 2023, 11:03 AM IST

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