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Manipur video : पीड़िता के पति ने करगिल में की थी देश की रक्षा, बोले- न बीवी, न गांववालों की कर सका रक्षा

मणिपुर हिंसा के बीच महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो सामने आया है. 4 मई के इस वीडियो के सामने आने के बाद से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. उधर, जिस महिला के साथ घटना हुई उसके पति का बयान भी सामने आ रहा है. पीड़ित महिला का पति करगिल की लड़ाई में शामिल था.

CM N Biren Singh
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह

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Published : Jul 21, 2023, 6:03 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 9:56 PM IST

नई दिल्ली :पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है. राज्य में हो रही हिंसा और 4 मई का महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) पर सवाल उठ रहे हैं. देशभर में लोगों में गुस्सा है, विपक्ष सीएम के इस्तीफे की मांग कर रहा है. विपक्ष की मांग का जवाब देते हुए सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि उनका मुख्य काम 'राज्य में शांति लाना' है. उन्होंने कहा कि '…मैं इसमें नहीं जाना चाहता. मेरा काम राज्य में शांति लाना है. हर समाज में शरारती तत्व हैं लेकिन हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे.'

'विरोध आरोपियों को दंडित करने के लिए' :मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) का कहना है, 'घटना को लेकर राज्य भर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. आरोपी नंबर एक, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था, कल उसके घर को महिलाओं ने जला दिया था. मणिपुर समाज महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ है. वे महिलाओं को अपनी मां मानते हैं. यह विरोध आरोपियों को दंडित करने के लिए सरकार का समर्थन करने के लिए है.'

करगिल युद्ध के सैनिक की पत्नी के साथ घटी घटना :वहीं, जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराई गई, उनमें से एक का पति करगिल युद्ध में भाग ले चुका है. पूर्व सैनिक को इस बात का रंज है कि उसने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा पाया.

छलका दर्द बोले, निराश हूं पत्नी और ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका :असम रेजीमेंट में सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा दे चुके व्यक्ति ने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, 'मैं करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा और भारतीय शांति रक्षक बल के रूप में श्रीलंका में भी रहा. मैंने देश की रक्षा की लेकिन मैं निराश हूं कि मैं अपनी पत्नी तथा बाकी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका.' उन्होंने कहा, 'पुलिस मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की. जिन लोगों ने मकानों को जलाया और महिलाओं का अपमान किया, उन्हें कठोर सजा मिले.'

FIR में क्या : घरों को लूटा, आग लगाई, महिलाओं का यौन शोषण किया

वहीं, शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इन महिलाओं का अपहरण करने से पहले हथियारबंद लोगों का एक ग्रुप कांगपोकपी जिले के गांव में घुसा और उसने घरों को लूटा तथा आगजनी की. सैकुल थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है करीब 900-1000 लोग सैकुल थाने से करीब 68 किलोमीटर दक्षिण में कांगपोकपी जिले में स्थित गांव में जबरन घुस आए. उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे. कुछ लोगों ने Ak राइफल्स, एसएलआर, इनसास और .303 राइफल्स जैसे आधुनिक हथियार ले रखे थे. हिंसक भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की और लूटपाट करने के बाद आग लगा दी. दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र किया तथा उन्हें लोगों के सामने गांव की सड़कों पर घुमाया.

पुलिस के कब्जे से छुड़ा ले गई भीड़ :18 मई को दी गई पुलिस शिकायत में पीड़ितों ने आरोप लगाया कि दोनों महिलाओं में से छोटी महिला के साथ 'दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया.' शिकायत के मुताबिक, जब उनके गांव पर भीड़ ने हमला किया तो महिलाएं उनसे बचने के लिए एक समूह में थीं. शिकायत में कहा गया है कि उन लोगों को पुलिस ने बचाया और पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था जब भीड़ ने उन्हें रोका और जबरन अपने साथ ले गई.

सबसे छोटी महिला के पिता और भाई को भीड़ ने पकड़ लिया. शिकायत के मुताबिक, उसके भाई की उस समय हत्या कर दी गई जब 19 साल का युवक अपनी बहन को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा था.

19 जुलाई को सामने आया था वीडियो : पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने तथा उनसे छेड़छाड़ करने के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी से एक दिन पहले 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो (Manipur viral video) सामने आया था. हालांकि 18 मई को इस घटना की कांगपोकपी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसे 21 जून को घटना स्थल थोबल के सैकुल थाने में स्थानांतरित कर दिया गया था.

मुख्य आरोपी समेत चार गिरफ्तार :इस मामले में मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया, 'वायरल वीडियो मामले में चार मुख्य आरोपी गिरफ्तार : थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पीएस के तहत अपहरण और सामूहिक दुष्‍कर्म के जघन्य अपराध के 3 और मुख्य आरोपियों को आज गिरफ्तार किया गया है. इस प्रकार अब तक कुल 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.'

महिलाओं ने मुख्य आरोपी का घर जलाया :वहीं, मुख्य आरोपी के घर को महिलाओं की भीड़ ने जला दिया है. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इंफाल में महिलाओं की भीड़ ने गुरुवार देर शाम थौबल जिले के याइरीपोक गांव में हुइरेम हेरोदास सिंह (मैतेई) के घर में आग लगा दी.

आरोपी हुइरेम होरोदास

एनसीडब्ल्यू में की गई थी शिकायत :उधर,इस मामले में राज्य सरकार की ओर से लापरवाही की बात सामने आई है. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को 12 जून को ही उन महिलाओं की ओर से एक शिकायत मिली थी, जिन्हें 4 मई को निर्वस्त्र घुमाया गया था. NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्हें जून में कई शिकायतें मिलीं और उन्हें कार्रवाई के लिए राज्य प्रशासन को भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

मणिपुर के वायरल वीडियो पर एनसीडब्ल्यू की प्रमुख रेखा शर्मा का कहना है '... हम मणिपुर के अधिकारियों के संपर्क में हैं... एक विशेष नहीं बल्कि कई शिकायतें थीं और वह भी भारत के बाहर के लोगों से और मणिपुर के बाहर. सबसे पहले, यह स्पष्ट करना था कि क्या जो कुछ भी लिखा गया वह सच है. मणिपुर सरकार को स्पष्ट करना होगा और यदि यह सच है तो उन्हें इस पर काम करना होगा. इसलिए हमने उन्हें पत्र लिखा.' रेखा शर्मा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को फोन किया. हालांकि, उन्होंने बातचीत या एनसीडब्ल्यू द्वारा प्राप्त शिकायत के जवाब में की जाने वाली किसी संभावित कार्रवाई के बारे में कोई और विवरण नहीं दिया.

हिंसा के बाद से 70 हजार से ज्यादा लोग हो चुके बेघर :4 मई की घटना जातीय हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद हुई. पूर्वोत्तर राज्य में 3 मई को हिंसा भड़की थी. राज्य में एक कानून को लेकर दो समुदायों में विवाद है. यहां मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों न तो बस सकते हैं न ही जमीन खरीद सकते हैं. इसके उलट जनजाति समुदाय के कुकी और नगा लोग घाटी में बस भी सकते हैं और जमीन भी खरीद सकते हैं. इसी को लेकर विवाद है.

हिंसा में विभिन्न समुदायों के 150 से अधिक लोग मारे गए हैं. 600 से अधिक घायल हो गए, जबकि 70,000 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इन लोगों को मणिपुर और मिज़ोरम सहित पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों के राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है.


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Last Updated : Jul 21, 2023, 9:56 PM IST

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