इंफाल : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करने के बाद हिंसाग्रस्त राज्य में शांति के लिए समाज के सभी वर्गों से शुक्रवार को अपील की और कहा कि हिंसा कोई समाधान नहीं है. उन्होंने मणिपुर की घटनाओं को एक त्रासदी बताया जो राज्य और देश के लिए दर्दनाक है. गांधी ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से कहा, 'शांति के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूं. मैं सभी लोगों से शांति कायम करने की अपील करता हूं क्योंकि हिंसा से कभी कोई हल नहीं निकल सकता.'
उन्होंने कहा, 'शांति ही आगे बढ़ने का रास्ता है और हर किसी को अब शांति के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी ओर बढ़ना शुरू करना चाहिए. इस राज्य में शांति का माहौल कायम करने के लिए मैं हर संभव मदद करूंगा.' गांधी ने कहा, 'मैं मणिपुर के लोगों का दर्द साझा करता हूं. यह एक भयानक त्रासदी है. यह मणिपुर और देश के लोगों के लिए बेहद दुखद और दर्दनाक है.' उन्होंने इंफाल, चुराचांदपुर और मोइरांग में विभिन्न राहत शिविरों के अपने दौरों और सभी समुदायों के लोगों के साथ अपनी बैठकों के बारे में बताया.
गांधी ने पत्रकारों से कहा, 'एक बात जो मैं सरकार से कहना चाहूंगा, वह यह है कि शिविरों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत है. भोजन में सुधार की जरूरत है. दवाओं की आपूर्ति की जानी चाहिए. शिविरों से इस संबंध में शिकायतें आई हैं.' कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शुक्रवार को नागरिक समाज संगठन के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी परेशानियां सुनीं.
गांधी ने नागरिक समाज संगठन 'कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी' (सीओसीओएमआई), मणिपुर में नागा समुदाय की शीर्ष संस्था 'यूनाइटेड नागा काउंसिल', 'शेड्यूल्ड ट्राइब डिमांड कमेटी' के प्रतिनिधियों और जेएनयू के प्रोफेसर बिमोल ए. सहित प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की. कांग्रेस नेता ने सुबह मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में जाकर प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी थी। गांधी सुबह इंफाल से हेलीकॉप्टर में सवार होकर मोइरांग पहुंचे थे.