नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को अदालत द्वारा नियुक्त समिति को राज्य में सार्वजनिक प्रार्थना स्थलों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का शुक्रवार को निर्देश दिया. मणिपुर में मई में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रार्थना स्थलों के जीर्णोद्धार के मुद्दे पर विचार करते हुए कहा कि राज्य सरकार हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त किए गए धार्मिक स्थलों की पहचान करने के बाद एक व्यापक सूची दो सप्ताह के भीतर समिति को सौंपे.
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे. पीठ ने स्पष्ट किया कि ऐसी संरचनाओं की पहचान में सभी धार्मिक स्थल शामिल होंगे. उसने कहा, 'मणिपुर सरकार समिति को सार्वजनिक प्रार्थना स्थलों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताएं.' उच्चतम न्यायालय ने समिति को मई के बाद से हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त या नष्ट किए गए सार्वजनिक प्रार्थना स्थलों के जीर्णोद्धार समेत कई कदमों पर एक व्यापक प्रस्ताव तैयार करने की भी अनुमति दे दी है.