इंफाल:मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाई गई लड़कियों में से एक की मां ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है और अपने बेटे और पति के शव देखना चाहती हैं, जिनकी उसी दिन हत्या कर दी गई थी. विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के सांसदों द्वारा पीड़ित परिवार से मिलने के बाद महिला ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत की. दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए पीड़िता की मां ने कहा, 'मुझे केंद्र सरकार पर भरोसा है, लेकिन राज्य सरकार पर नहीं.' उन्होंने यह भी कहा, 'मैं जो बात बताना चाहती हूं वह यह कि हम आदिवासी, अल्पसंख्यक हैं, हम अब मेइती के साथ नहीं रह सकते हैं. दूसरी बात, यदि संभव हो तो मैं कम से कम अपने बेटे और पति के शव देखना चाहती हूं.'
राज्यपाल अनसुइया उइके को ज्ञापन : विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को इंफाल पहुंचा और फिर प्रतिनिधिमंडल के दल दो हेलीकॉप्टर के जरिये चुराचांदपुर के लिए रवाना हुए. चौधरी के नेतृत्व में दल ने चुराचांदपुर कॉलेज के छात्रावास में स्थापित एक राहत शिविर का दौरा किया. इसके बाद 'इंडिया' के 21 सांसदों ने मणिपुर का दौरा करने के बाद राजभवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें पूर्वोत्तर राज्य के मौजूदा हालात पर एक ज्ञापन सौंपा.
केंद्र की चूक पर संसद में सरकार को घेरेगा विपक्ष : बैठक के बाद राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "राज्यपाल ने हमारी बातें सुनीं और उन पर सहमति जताई. उन्होंने हिंसा पर दुख जताया और लोगों की पीड़ा बताई." चौधरी ने कहा, "राज्यपाल ने कहा कि मेइती तथा कुकी समुदायों के बीच अविश्वास खत्म करने के लिए सभी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को उनसे बातचीत करने के लिए मणिपुर का दौरा करना चाहिए." उन्होंने बताया कि सांसदों ने मणिपुर में जो स्थिति देखी, उसके बारे में संसद में एक रिपोर्ट पेश करेंगे और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे. चौधरी ने कहा, "हम मणिपुर में राज्य तथा केंद्र सरकार की चूक पर संसद में बोलेंगे. हम केंद्र सरकार से संसद में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की अपील करते हैं."
उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. दो दिवसीय दौरे के अपने अनुभव के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि ऐसे हालात बन गए हैं कि घाटी के लोग (मेइती) पर्वतीय क्षेत्र में नहीं जा सकते जहां कुकी रहते हैं और पर्वतीय क्षेत्र के लोग घाटी में नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा, "राशन, चारा, दूध, बच्चों के भोजन और अन्य आवश्यक सामान की भारी किल्लत है. छात्रों की शिक्षा पर भी असर पड़ा है. हमने राज्यपाल को ये सभी बातें बताई हैं जिन्होंने कहा कि इन मुद्दों को मिलकर हल किया जाना चाहिए." तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुष्मिता देव ने कहा कि दल दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से बात करेगा. उन्होंने कहा, 'हर किसी की आवाज सुनी जानी चाहिए. हम कुकी और मेइती दोनों से बात करेंगे.'