असम: मणिपुर हिंसा की स्थिति कुछ हद तक कमी आई है. राज्य में अब तक करीब 15,000 से 20,000 हजार लोग बेघर हो चुके हैं. मणिपुर पुलिस के महानिदेशक पी डोंगल ने शुक्रवार को इस मामले को लेकर जानकारी दी है. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि राज्य में अब तक रैपिड एक्शन फोर्स (सीआरपीएफ, बीएसएफ, पैरा मिलिट्री) की 14 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं. स्थिति से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा.
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अब तक हम 15,000 से 20,000 पीड़ितों को सफलतापूर्वक सुरक्षित स्थान पर रखने में सफल रहे हैं. डीजीपी ने लोगों से आक्रोशित लोगों द्वारा पुलिस से छीने गए हथियारों को जल्द से जल्द वापस करने और सरेंडर करने की भी अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग हथियारों के साथ आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, तो उन्हें कानून के कोप में गिरने के साथ-साथ भयानक परिणाम भी भुगतने होंगे.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि हथियार सरेंडर करने पर एनआईए कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया जाएगा. पुलिस ने पहले ही 23 संवेदनशील थानों के क्षेत्रों की पहचान कर ली है. अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करने के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं. राज्य में हाल में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. पुलिस महानिदेशक ने जनता से पुलिस का सहयोग करने का आग्रह किया.
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इस बीच, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि चुराचांदपुर में एक गैंगरेप की अफवाह थी. गुरुवार को प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्टे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह फिलहाल खतरे से बाहर है. उन्हें (वुंगजागिन वाल्टे) राज्य से बाहर एयरलिफ्ट किया गया था. हमें सख्त आदेश मिला है कि अगर कोई गलती करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. सेना को फ्लैग मार्च के आदेश मिले हैं.