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Manipur violence : भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी और यूएवी के साथ चौकसी बढ़ाई - Indo Myanmar border

मणिपुर में हिंसा के बाद भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी के साथ यूएवी से नजर रखी जा रही है. वहीं सेना के साथ असम राइफल्स के जवानों द्वारा हिंसाग्रस्त इलाकों में कड़ी चौकसी बरती जा रही है.

Manipur violence
मणिपुर हिंसा

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Published : May 6, 2023, 5:43 PM IST

तेजपुर (असम) : मणिपुर में हिंसा के चार दिन बाद केंद्र सरकार ने स्थिति को सामान्य करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी और यूएवी चौकसी बढ़ा दी गई है. रक्षा सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में जारी संकट एक नए सुरक्षा आयाम को जन्म दे सकता है, क्योंकि भारत-म्यांमार सीमा पर शिविरों में रहने वाले मणिपुर घाटी आधारित विद्रोही समूह मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए चल रहे बड़े प्रयासों के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

इन्हीं पहलुओं को देखते हुए सुरक्षा बलों द्वारा कड़ी चौकसी बरतने के साथ ही उनको मंसूबों को विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी क्रम में असम राइफल्स के द्वारा चौबीस घंटे चौकसी और सीमा निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही हवाई निगरानी के लिए मानव रहित यूएवी और सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. यही वजह है कि सेना के द्वारा चीता हेलीकॉप्टरों द्वारा कई दौर की हवाई निगरानी की जा चुकी है. इसके लिए सेना और असम राइफल्स तालमेल से काम कर रहे हैं. आशा जताई गई है कि मणिपुर में जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी.

बता दें कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और 150 से अधिक घायल हुए हैं. इंफाल घाटी में शनिवार को जनजीवन सामान्य होता नजर आया क्योंकि दुकानें एवं बाजार फिर से खुले और सड़कों पर कार भी चलती दिखीं. अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रमुख क्षेत्रों और सड़कों पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों और केंद्रीय पुलिस बल के जवानों की तैनाती के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है.

शुक्रवार को जिन इलाकों में उग्रवादी समूहों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई थी, वहां सड़कों पर बेरीकेड लगाकर घेराबंदी कर दी गई है. राज्य से बाहर निकलने के प्रयास में इंफाल हवाई अड्डे पर छात्रों समेत बड़ी संख्या में लोग एकत्रित देखे गए. इस बीच, असम राइफल्स की एक टुकड़ी को इंफाल में सभी नगा छात्रों को रविवार को वापस कोहिमा ले जाने के लिए चुनिंदा जगहों से एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है. बुधवार रात भड़के दंगों के पीड़ितों के लिए स्थापित विभिन्न शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों ने कहा कि कई गांवों में आग लगा दी गई है.

राज्य में लगभग 10,000 सेना, अर्ध-सैन्य और केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है, जहां बहुसंख्यक मेइती समुदाय, अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के कदम के खिलाफ बुधवार को कुकी और नागा सहित आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद दंगा भड़क गया था. कुल आबादी में मेइती समुदाय करीब 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों में नगा और कुकी शामिल हैं और आबादी में इनकी संख्या करीब 40 प्रतिशत है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं. अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक मृतक संख्या 54 हैं जिनमें से 16 शव चुराचांदपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए हैं, जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखे गए हैं.

अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल में क्षेत्रीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान ने 23 लोगों के मरने की सूचना दी है. इस बीच, चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार रात दो अलग-अलग मुठभेड़ों में पांच उग्रवादी मारे गए और इंडिया रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि चुराचांदपुर जिले के सैटन में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार उग्रवादी मारे गए. पुलिस ने बताया कि टोरबंग में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं, जिसके चलते सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. पुलिस ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया और आईआरबी के दो जवान घायल हो गए.

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(इनपुट-एजेसी)

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