इंफाल/तेजपुर :इंफाल, तीन अगस्त (भाषा) मणिपुर उच्च न्यायालय ने जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों के शव सामूहिक रूप से दफनाए जाने के निर्धारित समय से कुछ घंटों पहले चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में प्रस्तावित अंत्येष्टि स्थल को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का गुरुवार को आदेश दिया. इस बीच, कुकी-जोमी समुदाय के संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने भी कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुरोध के बाद अंत्येष्टि कार्यक्रम को सात दिनों के लिए स्थगित कर रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि वहीं सभाओं पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए एक जुलूस को प्रस्तावित अंत्येष्टि स्थल की ओर बढ़ने से रोकने के लिए बृहस्पतिवार को बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाकों में सेना तथा आरएएफ कर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. उन्होंने बताया कि इस दौरान झड़प में 17 लोग घायल हो गए. इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट के जिला मजिस्ट्रेट ने एहतियाती कदम के तौर पर पहले घोषित कर्फ्यू में ढील को वापस ले लिया. वहीं समूची इंफाल घाटी में रात का कर्फ्यू जारी है.
इससे पहले आईटीएलएफ ने राज्य में जातीय हिंसा में मारे गए 35 लोगों के शव बृहस्पतिवार को हाओलाई खोपी गांव में एक स्थल पर दफनाने की योजना बनाई थी, जिससे मणिपुर के कई जिलों में तनाव पैदा हो गया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.वी. मुरलीधरन और न्यायमूर्ति ए. गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत के मद्देनजर सुबह छह बजे सुनवाई शुरू की और अंत्येष्टि के लिए निर्धारित भूमि को लेकर राज्य एवं केंद्र सरकारों और उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसी तथा आम लोगों को ‘‘यथास्थिति बनाए रखने’’ का आदेश दिया. न्यायमूर्ति मुरलीधरन ने कहा कि मामले में आगे की सुनवाई नौ अगस्त को होगी.
पीठ ने उक्त जगह पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र होने से हिंसा एवं रक्तपात फिर से भड़कने तथा कानून-व्यवस्था की पहले से अस्थिर स्थिति के और गंभीर होने की आशंका पर भी गौर किया. पीठ ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकार और पीड़ित पक्षों को मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के प्रयास करने का निर्देश भी दिया जाता है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी दोनों संघर्षरत समुदायों- कुकी और मेइती- से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की और कहा, “केंद्र मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर गंभीर है”. संगठन के एक प्रवक्ता ने बताया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने भी यही अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा कि राय ने संगठन को अगले सात दिनों के भीतर शवों को दफनाने से संबंधित मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया और तदनुसार, आईटीएलएफ ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया. आईटीएलएफ के मीडिया संयोजक गिंजा वुआलजोंग ने संवाददाताओं को बताया, "हमने एक नए घटनाक्रम के कारण कल रात से सुबह चार बजे तक बैठक की. एमएचए (गृह मंत्रालय) ने हमसे अंत्येष्टि कार्यक्रम को स्थगित करने का अनुरोध किया और यदि हम इस आग्रह को स्वीकार करते हैं तो हमें उसी स्थान पर (35 लोगों के) अंतिम संस्कार करने की अनुमति मिल जाएगी तथा सरकार उस जमीन को इस कार्य के लिए वैध बना देगी. मिजोरम के मुख्यमंत्री ने भी ऐसा ही अनुरोध किया था."