नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ‘लाभ का पद’ मामले में भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए विचारों को मणिपुर के राज्यपाल इस तरह दबा नहीं सकते हैं.
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ को जब बताया गया कि निर्वाचन आयोग से 13 जनवरी, 2021 को मिली राय राज्यपाल ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, पीठ ने उक्त बात कही.
पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सलाह दे दी है. राज्यपाल आदेश पारित क्यों नहीं कर सकते हैं? सरकार को राज्यपाल से पूछना चाहिए. कुछ किया जाना चाहिए. निर्वाचन आयोग इस संबंध में अपनी राय जनवरी में ही दे चुका है. राज्यपाल इस फैसले को यूं दबाकर नहीं बैठ सकते हैं.