नई दिल्ली/इंफाल:मणिपुर सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह में विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करेगी. सरकारी प्रवक्ता तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपाम राजन ने बताया कि सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. विभिन्न वर्गों से राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाये जाने की मांग उठ रही है.
राजन ने इन खबरों का भी खंडन किया कि राज्य सरकार ने भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे के इलाज की परवाह नहीं की. वह मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के प्रारंभिक दिनों में हमले में घायल हो गये थे. राज्य में पिछले करीब तीन महीने में जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान चली गयी जबकि सैंकड़ों अन्य घायल हुए हैं.
मणिपुर में शांति बहाल करने में जुटी सरकार:एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने विपक्ष के इस दावे को गुरुवार को खारिज किया कि मणिपुर 'जल रहा है' और कहा कि 18 जुलाई के बाद से राज्य में हत्या की कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने दावा किया कि दो विरोधी समुदायों मैतेई और कुकी के साथ जारी बातचीत के माध्यम से जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी.
विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) द्वारा केंद्र पर निष्क्रियता का आरोप लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में तीन दिन बिताए, 41 विभिन्न समूहों से मुलाकात की और राज्य में प्रमुख हिंसा स्थलों का दौरा किया. उन्होंने दावा किया कि किसी मंत्री ने संसद में केवल एक बार अगस्त 1993 में जवाब दिया था जब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने कुकी-नगा संघर्ष के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या और 350 से अधिक गांवों के प्रभावित होने के बाद बात की थी.
उन्होंने कहा कि केवल एक बार एक मंत्री तत्कालीन गृह राज्य मंत्री राजेश पायलट ने साढ़े तीन घंटे के लिए राज्य का दौरा किया था. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के व्यावहारिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. सरकारी अधिकारी ने कहा कि मौजूदा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 25 मई से 17 जून के बीच राज्य में 22 दिन बिताए. इस मुद्दे पर मोदी पर विपक्ष के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हिंसा भड़कने के बाद सरकार का रुख तय करने के लिए हर दिन शाह से बात करते थे.
उन्होंने कहा कि कई ऐसे भी दिन थे, जब मोदी ने गृह मंत्री से तीन बार भी बात की है. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कर रहा है और 'झूठी कहानी' पेश कर रहा है कि मणिपुर जल रहा है. उन्होंने हिंसा में किसी भी धार्मिक नजरिये को भी खारिज कर दिया.