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मणिपुर पर यूरोपीय संसद ने चर्चा की, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला : राहुल - Congress leader Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने कहा है कि यूरोपीय संसद में मणिपुर पर चर्चा की गई लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस पर कुछ नहीं कहा. इसको लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया. पढ़िए पूरी खबर...

Congress leader Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी

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Published : Jul 15, 2023, 3:53 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूरोपीय संघ (European Parliament) की संसद में भारत के आंतरिक मामले मणिपुर पर चर्चा हुई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक शब्द नहीं बोला. उन्होंने ट्वीट किया, 'मणिपुर जल रहा है. यूरोपीय संघ की संसद ने भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला. इस बीच, राफेल के जरिये बैस्टिल दिवस परेड का टिकट मिल गया.'

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी मणिपुर की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि लोगों के बुनियादी मुद्दों का समाधान करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. भारत ने मणिपुर की स्थिति पर यूरोपीय संघ की संसद में पारित किए गए एक प्रस्ताव को गुरुवार को 'औपनिवेशिक मानसिकता' से प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है.

बता दें कि इससे पहले भारत ने मणिपुर की स्थिति पर यूरोपीय संघ की संसद में पारित एक प्रस्ताव को 'औपनिवेशिक मानसिकता' से प्रेरित करार देते हुए उसे खारिज कर दिया था. यूरोपीय संघ की ब्रुसेल्स स्थित संसद ने अपने इस प्रस्ताव में भारतीय अधिकारियों से मणिपुर में हिंसा को तुरंत रोकने और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का पुरजोर आग्रह किया था. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है. बागची ने कहा था कि हमने देखा है कि यूरोपीय संघ की संसद में मणिपुर की मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की गयी और एक तथाकथित तात्कालिक प्रस्ताव पारित किया गया. भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है.

ये भी पढ़ें - यूरोपीय संसद में मणिपुर पर चर्चा को लेकर भारत ने कहा- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं

(पीटीआई-भाषा)

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