देहरादून: चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के साथ घोड़े, खच्चरों की मौतें लगातार बढ़ रही हैं. केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की मौत का सांसद मेनका गांधी ने संज्ञान लिया है. शुक्रवार को उन्होंने पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा से बात कर घोड़े-खच्चरों की मौत के मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है. बता दें कि, अभी तक केदारनाथ धाम में 70 से अधिक घोड़े-खच्चरों की मौत हो गई.
केदारनाथ यात्रा के दौरान लगातार हो रहे घोड़े-खच्चरों की मौत पर सांसद एवं पशु अधिकारवादी मेनका गांधी ने भी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से दूरभाष पर वार्ता कर चिंता व्यक्त की है. इस पर संज्ञान लेते हुए पर्यटन मंत्री महाराज ने पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा से बात कर घोड़े-खच्चरों को रेगुलेट करने के साथ उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है.
महाराज ने पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को सख्त हिदायत दी कि घोड़े-खच्चरों को चारा देने के बाद तीन से चार घंटे का आराम मिलना चाहिए. केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की भीड़ के कारण जानवरों पर दबाव न पड़े. उन्होंने कहा कि मूक जानवरों का ध्यान रखना हमारा दायित्व है, इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.
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समुद्र तल से 11750 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ तक पहुंचने के लिए बाबा केदार के भक्तों को 18 किमी की दूरी तय करनी होती है. इस दूरी में यात्री को धाम पहुंचाने में घोड़ा-खच्चर अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन इन जानवरों के लिए भरपेट चना, भूसा और गर्म पानी भी नहीं मिल पा रहा है. संचालक एवं हॉकर रुपए कमाने के लिए घोड़ा-खच्चरों से एक दिन में गौरीकुंड से केदारनाथ के दो से तीन चक्कर लगवा रहे हैं और रास्ते में उन्हें पलभर भी आराम नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण वह थकान से चूर होकर दर्दनाक मौत के शिकार हो रहे हैं.