फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 210 करोड़ की ठगी का खुलासा मंडी: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले के बाद अब मल्टी नेशनल कंपनी में निवेश के नाम पर फ्रॉड का एक और मामला पुलिस ने उजागर किया है. आरोप है कि क्यूएफएक्स कंपनी ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से धनराशि ली और उन्हें हाई रिटर्न के सपने दिखाए. इस पूरे मामले में निवेशकों की 210 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई गई थी. वित्तीय गड़बड़ी पर पुलिस जांच कर रही है. इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को दिल्ली और हरियाणा से गिरफ्तार किया है.
मंडी में पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबशिवन ने बताया कि मामले में एक आरोपी को दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा गया है. शातिर विदेश भागने की तैयारी में था. चंडीगड़ के अलावा यह नेटवर्क देश के पांच राज्यों में फैला था. हिमाचल, पंजाब, गोवा, गुजरात और चंडीगढ़ में कंपनी का नेटवर्क था, जिसमें सैंकडों लोगों का पैसा लगा हुआ है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इस मामले से जुड़े अन्य तथ्यों पर काम कर रही है.
एसपी सौम्या ने बताया क्यूएफएक्स कंपनी फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर काम कर रही थी. जबकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के करीब डेढ दर्जन से अधिक खातों को फ्रिज किया है. इनमें करीब 30 लाख रुपये धनराशि थी. इस मामले में कुछ फ्लैट और संपत्ति भी है. जिसे सीज करने जा रहे हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के दो कार्यालयों को सील किया है. इस मामले में पुलिस के पास दो-तीन शिकायतें पहुंची है. जिस पर पड़ताल करते हुए कई अहम तथ्य शुरूआती जांच में मिले हैं.
एसपी ने बताया कि इस स्कैम में 100 से ज्यादा लोगों का पैसा लगा है. कंपनी मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर कार्य कर रही थी, जिसमें कंपनी ने निवेशकों को म्यूचुअल फंड और अन्य ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगा है. कंपनी के पास कंपनी एक्ट तहत रजिस्टर थी, लेकिन मल्टीनेशनल कंपनी में ट्रेडिंग का कोई भी लाइसेंस इनके पास नहीं था. शातिर निवेशकों से धनराशि लेकर मात्र पांच प्रतिशत ही निवेश करते थे. जबकि अन्य को इधर-उधर ही घुमाकर काम चलाया जाता था. निवेशकों को पांच प्रतिशत प्रतिमाह राशि की गारंटी दी जाती थी. 11 महीने तक पांच प्रतिशत देने की बात कहते थे. 11 महीने के बाद धनराशि निकाली जा सकती है. इस तरह हर कोई उनके झांसे में आ जाते थे.
एसपी ने बताया कि शातिर कंपनी के खाते में पैस का लेनदेन करते थे. ताकि उन पर किसी का शक न हो. एक आरोपी को दिल्ली और दूसरे को हरियाणा से गिरफतार किया गया है. इस स्कैम में फिलहाल 6-7 शातिर पुलिस की रडार पर हैं. आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है. शातिरों ने सबसे ज्यादा मंडी जिला के लोगों का पैसा निवेश किया है. मंडी में ही कंपनी ने मंडी शहर और बल्ह के नागचला में कार्यालय खोला था. इसके अलावा कंपनी ने चंडीगढ़ के जीरकपुर से हेड ऑफिस बनाया था. इन सभी कार्यालयों को पुलिस ने सीज कर दिया है. एसपी मंडी ने साफ किया कि कोई भी कंपनी यदि वित्तीय ट्रेडिंग के लिए पंजीकृत नहीं है तो, वहां ट्रेंडिंग न करें. निवेश करने पहले सभी चीजें जांच लें. ताकि कोई ठगी का शिकार न हो.
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